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जनजातीय समुदाय के मुद्दों पर विचार करना आवश्यक : डॉ मुनीष

आइसेक्ट विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी की ओर से वाणिज्य व प्रबंधन विभाग शनिवार काे सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड सीएसआर द रोल ऑफ ऑपर्च्युनिटीज फोर ट्राइबल कम्युनिटीज विषय पर सेमिनार किया.

आइसेक्ट विश्वविद्यालय की ओर से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

हजारीबाग.

आइसेक्ट विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी की ओर से वाणिज्य व प्रबंधन विभाग शनिवार काे सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड सीएसआर द रोल ऑफ ऑपर्च्युनिटीज फोर ट्राइबल कम्युनिटीज विषय पर सेमिनार किया. भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा होटल श्री विनायक सभागार में किया गया. मुख्य अतिथि डॉक्टर सीवी रमण विश्वविद्यालय, वैशाली, बिहार के कुलपति डॉ मुरारी लाल गौर, आइसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा, मुख्य वक्ता विभावि की प्राध्यापिका डॉ जॉनी रूफीना तिर्की, वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार सहित अन्य ने कार्यक्रम की शुरुआत की.

डॉ मुरारी लाल गौर ने कहा कि सभी समुदायों को सतत विकास की ओर ले जाने की सोंच वाकई काबिल-ए-तारीफ है. समझने की जरूरत है कि जिस समुदाय के उत्थान के लिए जो नीतियां बनाई जा रही है, वह उस समुदाय के लिए अनुकूल है या फिर नीतियां उस पर थोपी जा रही है. कुल सचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि भूमि बेदखलीकरण, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन, वनाधिकार जैसे जनजातीय समुदाय के कुछ मुख्य मुद्दा है. इस पर नीतिगत और जमीनी स्तर पर नए दृष्टिकोण से विचार किए जाने की जरूरत है. कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि जनजातीय समुदाय आज भी भारतीय संस्कृति को बचाए रखा है. डॉ जॉनी रूफीना तिर्की ने कहा कि जनजातीय समुदायों को हमें उनके शर्तों पर जीने देना चाहिए, तभी उन समुदायों का विकास संभव है. इसके अलावा डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डॉ एमके मिश्रा, डॉ बिनोद कुमार, आमंत्रित वक्ता प्राध्यापक डॉ मंजीत सिंह, विभावि प्रबंधन विभाग निदेशक डॉ अमिताभ सामंता ने भी महत्वपूर्ण विचार रखे. संचालन डॉ प्रीति व्यास व धन्यवाद ज्ञापन रितेश कुमार ने किया.

चार सत्र में संपन्न हुआ सेमिनार :

राष्ट्रीय सेमिनार चार सत्र में संपन्न हुआ. डीन एडमिन डॉ एसआर रथ ने मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया. स्मारिका का विमोचन भी किया गया. दूसरा सत्र पैनलिस्ट सत्र रहा, जहां जनजातीय समुदाय की भूमिका और उसके विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी. तकनीकी सत्र के दौरान 70 से भी प्राध्यापकों व शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. सेमिनार में भाग लिए सभी प्राध्यापकों व शोधार्थियों को मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों के हाथों प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. सेमिनार को सफल बनाने में कोर कमेटी के चेयरपर्सन डॉ बिनोद कुमार, डॉ एसआर रथ, डॉ राजकुमार व डॉ रंजीत कुमार के अलावा अमित कुमार, डॉ बिनिता सिंह, राजेश रंजन, पंकज प्रज्ञा, हिमांशु चौधरी, माधवी मेहता, चांदनी कुमारी, रंजू, डॉ रोजीकांत, शुभा, रितेश लाल, अजय वर्णवाल, डॉ आरसी राणा, डॉ आलोक कुमार, आशा गुप्ता, नागेश्वरी कुमारी, राजेश कुमार, संजय कुमार सहित अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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