जांच में उजागर, कागज पर ही खोद दिया डोभा
मनरेगा योजना में जांच के बाद अवैध रुपये निकासी का मामला प्रकाश में आया है. मामला हजारी धमना गांव का है.
भारत सरकार के पोर्टल पर हुई थी शिकायत, जांच में पहुंचे वरीय अधिकारी
मनरेगा योजना में जांच के बाद अवैध निकासी का मामला आया सामने
चौपारण.
मनरेगा योजना में जांच के बाद अवैध रुपये निकासी का मामला प्रकाश में आया है. मामला हजारी धमना गांव का है. वर्ष 2019-20 में चार लाख 60 हजार की लागत से डोभा का निर्माण कराया गया था. स्थल पर डोभा नहींं बनने और सरकारी राशि को फर्जी तरीके से निकासी कर लेने की शिकायत ग्रामीण विकास भारत सरकार के पीजी पोर्टल के माध्यम से की गयी थी. शिकायत के बाद डीपीओ प्रभात कुमार, बीपीओ संतोष कुमार, जेई जियाउल हक, रोजगार सेवक रामचंद्र दांगी, मुखिया संतोष सिंह, पंसस विजय मधेशिया, लाभुक अमित कुमार सिंह व बिनोद सिंह की उपस्थिति में स्थल जांच हुई. सरकारी अभिलेख में लगा भूमि प्रतिवेदन के मुताबिक डोभा का निर्माण स्थल खाता संख्या 73 प्लॉट संख्या 1606 कराया गया दिख गया. जबकि भूमि पर कोई डोभा का निर्माण नहीं हुआ था. अधिकारियों ने बताया स्थल जांच के बाद अभिलेख की जांच कर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी जायेगी. उसके बाद योजना में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई होगी.मेरी जमीन पर नहीं बने हैं डोभा :
जांच स्थल पर पहुंचे लाभुक ने अधिकारियों को बताया कि मेरे यहां कोई जमीन नहीं है. न ही मेरी जमीन पर कहीं डोभा बने हैं. जिस खाता व प्लाट नंबर अभिलेख में दिया गया है उसके कुछ ही दूरी पर एक डोभा का निर्माण हुआ है. लोगों का कहना था कि उसी डोभा के नाम पर सरकारी राशि की निकासी हुई है. लोगों का कहना है कि मनरेगा योजना की जांच करायी गयी तो और कई मामले उजागर हो सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है