पदमा में खेल का मैदान नहीं होने से अभ्यास में पीछे रह जा रहे खिलाड़ी
खिलाड़ियों के लिए एक भी खेल का मैदान नहीं बनाया गया है. जबकि खेल मैदान निर्माण के नाम पर मिट्टी भरायी और मैदान समतलीकरण के नाम पर मनरेगा से लाखों खर्च कर एक दर्जन योजना करायी गयी.
प्रतिनिधि, पदमा : खेल मैदान निर्माण के नाम पर मिट्टी भरायी और मैदान समतलीकरण के नाम पर हुए लाखों खर्च
खिलाड़ियों के लिए एक भी खेल का मैदान नहीं बनाया गया है. जबकि खेल मैदान निर्माण के नाम पर मिट्टी भरायी और मैदान समतलीकरण के नाम पर मनरेगा से लाखों खर्च कर एक दर्जन योजना करायी गयी. इसके बाद भी खिलाड़ियों के लिए उपयोगी एक भी मैदान तैयार नहीं कराया जा सका है. स्थानीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी को खेलने और प्रशिक्षण में परेशानी उठाना पड़ता है. सरकार की ओर से आयोजित खेल कार्यक्रम के लिए प्रखंड के अधिकारियों को भी दूसरे संस्थानों जैसे साईं सेंटर पदमा और जेएपीटीसी के खेल मैदान मांग कर उपयोग करना पड़ता है. स्थानीय खिलाड़ी कहते हैं कि वर्षों से हम सब खेल मैदान की मांग करते आ रहे हैं पर अब एक ढंग का मैदान तक नहीं बन पाया. पदमा का सबसे पुराना फुटबॉल मैदान आज झाड़ियों से भर गया है. अब यह मैदान खेलने लायक भी नहीं है. फिलहाल विधायक उमाशंकर अकेला ने अपने विधायक मद से खिलाड़ियों के लिए एक चबूतरा का निर्माण कराया है. वहीं, सरैया पंचायत के खिलाड़ी सरैया के खाली पड़े निजी जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में करते आ रहे हैं. लेकिन अब वहां भी लोगों मकान बनाना शुरू कर दिए हैं. इससे खिलाड़ियों के लिए एक मात्र अस्थाई खेल मैदान भी खेलने लायक नहीं बचा. वहीं, रोमी, बिहारी और सूरजपूरा पंचायत के युवाओं को खेल के लिए रोमी बंगला चौक स्थित सेना की जमीन का उपयोग करना पड़ता है. वहां भी कभी-कभी सेना के अधिकारी द्वारा आपत्ति करने पर खिलाड़ियों को परेशानी उठानी पड़ती है.
पदमा में स्टेडियम के लिए भेजा हूं प्रस्ताव : विधायकविधायक उमाशंकर अकेला ने खिलाड़ियों की समस्या को लेकर कहा कि राज्य सरकार को एक वर्ष पहले ही पदमा फुटबॉल मैदान में स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव भेजा हूं. प्रस्ताव की स्वीकृति में देरी होने के कारण फिलहाल अपने स्तर पर चबूतरा और शेड का निर्माण करवा रहा हूं. बहुत जल्द खेल मैदान बनेगा.
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