धूप में निकलते समय बरतें सावधानी : डॉ आरसी

गर्मियों में सनस्ट्रोक (लू लगना) आम बीमारी है. तापमान बढ़ने से हमारे शरीर के द्रव पसीना द्वारा निकल जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 5:33 PM

हजारीबाग.

गर्मियों में सनस्ट्रोक (लू लगना) आम बीमारी है. तापमान बढ़ने से हमारे शरीर के द्रव पसीना द्वारा निकल जाता है. पानी, नमक, सोडियम, पोटैशियम की कमी हो जाती है. इससे सनस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. लू लगने पर शरीर का तापमान बढ़ना, थकावट जैसे लक्षण मिलते हैं. शरीर का तापमान 105 डिग्री फारेनहाइट से अधिक बढ़ने पर सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जटिलता के कारण लू लगता है. यह बातें मेहता हॉस्पिटल के निदेशक सह डॉ आरसी प्रसाद मेहता ने सोमवार को कहीं. उन्होंने गर्मी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आम लोगों को कई सुझाव दिए. सनस्ट्रोक से बचने व उपचार बताये. लू लगने पर मुंह सूखना, बुखार, उल्टी, दस्त, चक्कर आना, सिर दर्द, रुक-रुक कर जलन सहित पेशाब होना, शरीर का तापमान बढ़ने, लू लगने से आंखों में जलन इसके लक्षण हैं. इससे ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक भी हो सकता है. इससे बचने के लिए गर्मी के दिनों में नींबू पानी, आम रस, छाछ, लस्सी, नारियल पानी, बेल शरबत, खास कर तरल पदार्थ का उपयोग ज्यादा करें. ढीले और सूती कपड़े पहने. अचानक एसी से धूप में नहीं जाएं. ज्यादा हरी सब्जी, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, लौकी का प्रयोग करें. मांसाहार नमकीन पदार्थों का सेवन कम करें. उल्टी, दस्त, लूज मोशन होने पर ओआरएस का प्रयोग करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version