बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड आइ ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करें : डॉ कीर्ति

झारखंड ओफ्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी और हजारीबाग ओफ्थाल्मिक फोरम की ओर से नेत्ररोग विशेषज्ञों का तीन दिवसीय 21वां वार्षिक सम्मेलन विभावि विवेकानंद सभागार में संपन्न हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 7:16 PM

झारखंड ओफ्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी का वार्षिक अधिवेशन का समापन

विज्ञान और मस्ती भरे हैरी पॉटर थीम पर आधारित ग्लूकोमा सेशन को नेत्र डॉक्टरों ने काफी सराहा

प्रतिनिधि, हजारीबाग

झारखंड ओफ्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी और हजारीबाग ओफ्थाल्मिक फोरम की ओर से नेत्ररोग विशेषज्ञों का तीन दिवसीय 21वां वार्षिक सम्मेलन विभावि विवेकानंद सभागार में संपन्न हुआ. गुरुनानक आइ हॉस्पिटल नयी दिल्ली की डॉक्टर कीर्ति सिंह ने कहा कि बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड आइ ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करें. इससे ग्लूकोमा हो सकता है. साथ ही आंखों की रोशनी जा सकती है. डॉ भारती कश्यप ने कहा कि विज्ञान और मस्ती भरे हैरी पॉटर थीम पर आधारित ग्लूकोमा सेशन को नेत्र चिकित्सकों ने खूब पसंद किया. तकनीकी सत्र में डॉ विभूति कश्यप, डॉ रीमा बंसल, डॉ अभिषेक ओंकार, डॉ मलय द्विवेदी और डॉ स्वर्णिम ने अपनी प्रस्तुति दी. डॉ कीर्ति सिंह ने विडियो के माध्यम से ग्लूकोमा होने के कारण, निवारण, बचाव और इलाज बताया. कीर्ति सिंह ग्लूकोमा के मरीजों का पिछले 40 साल से इलाज कर रही हैं. इनके साथ कोलकाता, दिल्ली, रांची और एमपी के डॉक्टर शामिल हैं. इस सत्र में डॉ विनीता रामनानी, डॉ कीर्ति सिंह, डॉ जेएस भल्ला, डॉ मैत्रर्यी दास, डॉ अनिदया अनुराधा, डॉ राशि श्याम, डॉ तनिषा ओझा ने हैरी पॉटर के अलग-अलग कैरेक्टर पर ग्लूकोमा की नयी-नयी ट्रिटमेंट पद्धति पर प्रकाश डाला. साइंटिफिक कमेटी की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप ने ग्लूकोमा यानी काला मोतियाबिंद के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि आंखों के नस कमजोर होने, आंख का प्रेशर बढ़ने, खून के दौरे कम होने से ग्लूकोमा होती है. इस सेशन में डॉ विभूति कश्यप, डॉ रीमा बंसल, डॉ श्वेता वालिया, डॉ पार्थ राणा, डॉ देवाशीष दास, डॉ राहुल प्रसाद थे. ग्लूकोमा बीमारी की पहचान व उपचार के अलग-अलग तकनीक बताये गये. एम्स के डॉ प्रफुल महाराणा ने केराटोकोनश बीमारी पर व्याख्यान दिया. आयोजन समिति में मुख्य संयोजक डॉ सुजोय सामंता व सह संयोजक तीर्थजीत मोइत्रा शामिल थे.

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