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डोभा निर्माण में फर्जीवाड़ा, किसी के नाम पर बना लेते हैं जॉब कार्ड

चौपारण में मनरेगा योजना से अधिक काम हो रहा है. 26 पंचायत में छोटी-बड़ी योजना को मिलाकर करीब एक हजार योजना चल रही है.

प्रतिनिधि, चौपारण

चौपारण में मनरेगा योजना से अधिक काम हो रहा है. 26 पंचायत में छोटी-बड़ी योजना को मिलाकर करीब एक हजार योजना चल रही है. इसमें अधिकांश डोभा, मेढ़बंदी, कूप, तालाब गहरीकरण का काम हो रहा है. हाल के दिनों में हजारीधमना गांव में डोभा निर्माण में फर्जीवाड़ा उजागर के बाद कई मनरेगा कर्मियों पर अंगुलियां उठने लगी है. अभिलेख के साथ भूमि प्रतिवेदन की जांच चल रही है. डोभा के खाता नंबर, प्लाट पर डोभा का निर्माण होना था. वहां नहीं हुआ है. ऐसे कई मामले हैं, जिसकी जांच के बाद उजागर होना तय है. मनरेगा योजना का अधिकांश काम मजदूरों द्वारा कराया जाना है. योजना में काम करने वाले मजदूरों के पास जॉब कार्ड होना अनिवार्य होता है. ऐसे में लाभुक किसी के नाम रोजगार सेवक से मिलकर जॉब कार्ड बना लेते हैं. कार्डधारक को बिना काम किये उसे पांच सौ रुपये थमा दिया जाता है. उसके नाम पर मस्टर रॉल बनाकर सरकारी राशि की निकासी कर ली जा रही है.

क्या कहते हैं सचिव :

पंचायत सचिव की माने तो जेई द्वारा मापी पुस्तिका में दर्ज राशि के हिसाब से मजदूरों के खाते में पैसे भेजते हैं. जहां से मजदूर पैसे की निकासी करते हैं. अब मजदूर पैसे निकासी के बाद किसे देते हैं इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है.

क्या कहते हैं बीडीओ :

हजारीधमना वाला मामला प्रकाश में आने के बाद मनरेगा कर्मियों को सख्त हिदायत दी गयी है. मनरेगा योजना में कहीं गड़बड़ी पायी गयी तो मनरेगा कर्मी पर कार्रवाई होना तय होगा. वह आज हो चाहे पांच साल बाद हो, कार्रवाई जरूर होगी.

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