कई स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद खाली, आपस में उलझ रहे हैं शिक्षक
जिले के अधिकांश सरकारी उच्च विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक का पद लंबे समय से खाली है.
हजारीबाग.
जिले के अधिकांश सरकारी उच्च विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक का पद लंबे समय से खाली है. लगभग स्कूलों में जुगाड़ माध्यम से प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया है. स्थायी रूप से प्रभारी प्रधानाध्यापक नहीं होने से कई स्कूलों में कुछ शिक्षक आपस में उलझे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला टाटीझरिया प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय खैरा करमा से जुड़ा प्रकाश में आया है. प्रभारी प्रधानाध्यापक सुरेंद्र राम की लिखित शिकायत पर डीइओ ने शिक्षक प्रमोद कुमार से स्पष्टीकरण पूछा. वहीं, शिक्षक प्रमोद कुमार की ओर से प्रस्तुत स्पष्टीकरण का जवाब कई मामले में चौंकाने वाला है. प्रमोद कुमार ने लिखा है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिवर्ष नौवीं के स्कूली विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन में दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फॉर्म भरने में निर्धारित शुल्क से अधिक 100-150 रुपए की वसूली करते हैं. विरोध करने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक धौंस दिखाते हैं. देख लेने की धमकी दिया है. वहीं, नये नामांकन लेने में और टीसी जारी करने में कई अभिभावकों से पैसे की वसूली की है. प्रमोद कुमार ने अलग से 50 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन डीइओ को दिया है. आवेदन में विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरने सहित कई मामले में निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूली की शिकायत की बात कही है. स्कूल में लगभग शिक्षक एक समय बहाल हुए हैं. दो-तीन दिन पहले नौकरी ज्वाइनिंग किये शिक्षक को सीनियर बताकर प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है