हजारीबाग जेल में बंद 38 कैदियों की सजा के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, 28 जुलाई को होगी सुनवाई
राज्य सरकार से पूछा कि सजा काट रहे कैदियों को सजा में छूट देने पर विचार किया गया है या नहीं. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब देने के लिए समय प्रदान किया
झारखंड हाइकोर्ट ने हजारीबाग जेल में बंद 38 कैदियों की सजा में छूट देने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान एमिकस क्यूरी का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को एक बार फिर जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि सजा काट रहे कैदियों को सजा में छूट देने पर विचार किया गया है या नहीं. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए जवाब देने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 28 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व मामले के एमिकस क्यूरी अधिवक्ता अमित कुमार दास ने पैरवी की.
राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि हजारीबाग के 38 कैदियों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. उन्होंने चीफ जस्टिस से राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में उनके मामले को रखने का आग्रह किया था, ताकि अच्छे आचरण के लिए समय पूर्व सजा से रिहा करने पर निर्णय लिया जा सके. चीफ जस्टिस ने उक्त पत्र को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पूर्व में सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया था.