भीषण गर्मी में बत्ती गुल होना काला-पानी की सजा जैसी
उमस भरी गर्मी के दिनों में भी बड़कागांव प्रखंड में बिजली की आंख मिचौली जारी है.
बड़कागांव.
उमस भरी गर्मी के दिनों में भी बड़कागांव प्रखंड में बिजली की आंख मिचौली जारी है. इससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गयी है. बिजली लगातार कटने से लोग गर्मी से बेहाल है. लोगों को ऐसा लगता है जैसे इन्हें बहुत बड़ी सजा मिल गई हो. भीषण गर्मी में जब रात के समय बिजली कटती है, तो लोगों की नींद खुल जाती है. रात बिताना मुश्किल हो जाती है. बिजली की दयनीय स्थिति से परेशान होकर लोग सांसद, विधायक और पंचायत प्रतिनिधियों को कोसते नजर आते हैं. इस मामले में जन प्रतिनिधियों को पहल नहीं दिखती है. बिजली नहीं रहने के कारण विद्यार्थियों व शिक्षक नियुक्ति की तैयारी कर रहे लोगों को पठन-पाठन, इलेक्ट्रॉनिक दुकानें, आटा चक्की, सरसों तेल पेराई मशीन, हल्दी पिसाई मशीन व व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिजली नहीं रहने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने भी परेशानी होती है. सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता , कुंदन गुप्ता, अभिमन्यु गुप्ता, लोजप्पा के अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष मोहम्मद परवेज ने कहा कि लगभग एक सप्ताह से बिजली के आंख मिचोनी जारी है. बिजली विभाग द्वारा बड़कागांव को विभाग द्वारा शहरी घोषित किया गया है. विभाग उपभोक्ताओं से शहरी बिल लेती है.लेकिन गांव से भी बदतर बिजली मिलती है. बिजली कब आती है, कब जाती है ? इसका कोई गारंटी नहीं होती है. बिजली अगर आती भी है तो कभी-कभार लो वोल्टेज में आती है. बिजली नहीं रहने पर लोग निजी रूप से जनरेटर एवं इनवर्टर का उपयोग करने को मजबूर है. जनरेटर से जलाने वाले दुकानदारों को 20-25 रुपया हर दिन पैसे देना पड़ता है, तब उनके दुकान में बिजली बल्ब जलता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है