ओएसिस स्कूल का प्रश्न पत्र पटना कैसे पहुंचा, जांच में जुटी इओयू
नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) 2004 पेपर लीक मामले की जांच के दौरान पटना आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को हजारीबाग में अहम जानकारी हाथ लगी है.
नीट-यूजी पेपर लीक मामला :
एसबीआई से प्रश्न पत्र पांच जून को परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल लाया गया, फिर चार मई की रात को प्रश्न पत्र पटना पहुंच गया
अधजले पपेर से जुड़ा ओएसिस स्कूल का तार
संवाददाता, हजारीबाग, रांची
नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) 2004 पेपर लीक मामले की जांच के दौरान पटना आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को हजारीबाग में अहम जानकारी हाथ लगी है. पटना इओयू ने 21 जून को हजारीबाग में नीट-यूजी की परीक्षा के लिए बनाये गए पांच केंद्रों डीएवी स्कूल, होली क्रॉस स्कूल, ओएसिस स्कूल, संत जेवियर स्कूल और विवेकानंद सेंट्रल स्कूल के अलावा पेपर डंप स्थल एसबीआइ शाखा और कुरियर स्थानों की जांच की थी. इसके बाद 22 जून को इओयू की टीम रांची पहुंचकर जांच की थी. सूत्रों के अनुसार जांच में यह बात सामने आयी है कि नीट-यूजी के पेपर का बुकलेट नंबर 6136488 में छेड़छाड़ की गयी थी. यह बुकलेट हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पर जाना था. एसबीआइ शाखा से विनोबा भावे विवि के प्रोफेसर ने बतौर ऑब्जर्वर पांच जून को ओएसिस स्कूल में पेपर पहुंचाई थी. उसका वीडियोग्राफी भी कराया गया था. वीडियोग्राफी से इसका मिलान भी किया गया है. जबकि परीक्षा से एक दिन पहले चार जून को जो पेपर पटना पहुंचा था. वह पेपर नीट-यूजी पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया (नालंदा जिले के नूरसराय निवासी) को वाट्सएप पर यह पेपर चार जून को उपलब्ध कराया गया था. इओयू टीम को जांच में यह जानकारी मिली की चार मई को प्रश्न पत्र एसबीआइ बैंक में ही था. पांच मई को विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शिक्षक ऑबजर्वर द्वारा बैंक से प्रश्न पत्र स्कूल लाया गया. दोपहर एक बजे के करीब ऑबजर्वर शिक्षक, परीक्षार्थी वीडियोग्राफर के समक्ष बॉक्स को खोला गया. संबंधित प्रश्न पत्र समय से सभी परीक्षार्थियों को दिया गया. ऐसा रिकॉर्ड भी जांच एजेंसी को दिखाया गया. इओयू की टीम ने परीक्षा के प्रश्न पत्र बैंक से आने की तिथि व समय का मिलान भी किया. अब जांच का विषय है कि जब बैंक से प्रश्न पत्र पांच जून को परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल आया. फिर चार मई की रात को ओएसिस स्कूल का प्रश्न पत्र पटना कैसे पहुंच गया. इसकी गुत्थी सुलझने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर संजीव मुखिया तक पेपर किसने पहुंचाया. क्या बैंक पहुंचने से पहले पेपर लीक हुआ या वहां जाने के बाद आगे की जांच में इसका खुलासा हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है