हजारीबाग : दो वर्ष पूर्व निजी खर्च से बने डोभा को नया दिखा कर फर्जी तरीके से पैसे निकासी करने का मामला प्रकाश में आया है. मामले का खुलासा आरटीआइ से मांगी गयी सूचना के बाद हुआ. कटकमदाग प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित अड़रा पंचायत के उदयपुर गांव में कामख्या गंझू के जमीन पर बने डोभा को वर्ष 2020-21 में योजना संख्या छह रूपा देवी की जमीन पर 60-60-10 डोभा निर्माण कार्य दिखा कर पैसे की निकासी कर ली गयी है.
योजना को कागज पर ही पूर्ण दिखाया जा रहा है. जबकि धरातल पर इस योजना का काम नहीं हुआ है. दो वर्ष पूर्व कामाख्या गंझू ने अपने जमीन पर डोभा बनाया था, जिसके बाद मनरेगा कर्मी उसी डोभा पर साइन बोर्ड लगा कर पैसा की निकासी कर ली. इस मामले का पर्दाफाश कामख्या गंझू के भतीजा विनोद कुमार गंझू ने आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना के बाद किया है.
उन्होंने बताया कि रूपा देवी के जमीन पर डोभा निर्माण दिखाया गया है. जिसकी प्राक्कलित राशि एक लाख 34 हजार है. जबकि वास्तविक खर्च एक लाख 43 हजार मजदूरी के रूप में की गयी है. 3000 रुपये सामग्री के लिए बताया जाता है. डोभा में मनरेगा बोर्ड लगाकर तथा नाम बदलकर निर्माण किया गया है. इस योजना में मजदूरी के नाम पर निकाली गयी राशि भी फर्जी बताया जा रहा है. जिन मजदूरों के नाम से पैसा निकासी की गयी है, उन मजदूरों को पता तक नहीं है.
जमीन मालिक का आरोप है कि डोभा निर्माण में किसी तरह कोई सरकारी पैसा खर्च नहीं किया है. डीडीसी अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने वाले कर्मी और पदाधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी.