15 साल से विधवा पेंशन के लिए भटक रही कौशल्या, मुखिया आवेदन देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
लेकिन कुछ ही दिन के बाद 13 दिसंबर 2016 के बाद बंद हो गया. उस समय से मसोमात कौशल्या बड़कागांव अंचल का चक्कर काट रही है. कई बार आवेदन दे चुकी है. लेकिन उसके आवेदन पर आज तक कोई पहल नहीं हुआ. वह मजदूरी कर किसी तरह अपना पेट पाल रही है. जिस दिन उसे काम नहीं मिलता है, उस दिन उनका चूल्हा नहीं जलता है. राशन कार्ड के लिए एक बार ऑनलाइन आवेदन कराया, लेकिन राशन कार्ड भी नहीं बना.
बड़कागांव : पांच वर्षों से ग्राम हरली निवासी मो कौशल्या देवी (पति स्व जनाधर महतो) पेंशन व राशन कार्ड के लिए दर-दर भटक रही है. इनके पति का देहांत 15 साल पूर्व हो गया था. कौशल्या को विधवा पेंशन के तहत पेंशन चालू हुआ था,
लेकिन कुछ ही दिन के बाद 13 दिसंबर 2016 के बाद बंद हो गया. उस समय से मसोमात कौशल्या बड़कागांव अंचल का चक्कर काट रही है. कई बार आवेदन दे चुकी है. लेकिन उसके आवेदन पर आज तक कोई पहल नहीं हुआ. वह मजदूरी कर किसी तरह अपना पेट पाल रही है. जिस दिन उसे काम नहीं मिलता है, उस दिन उनका चूल्हा नहीं जलता है. राशन कार्ड के लिए एक बार ऑनलाइन आवेदन कराया, लेकिन राशन कार्ड भी नहीं बना.
क्या कहते हैं मुखिया : मुखिया महेंद्र महतो ने बताया कि मैंने कई बार आधार कार्ड, पासबुक का छायाप्रति प्रखंड कार्यालय में दिया, लेकिन प्रखंड कार्यालय के कर्मी इनके कागज के प्रति रुचि नहीं लेते हैं. इस कारण से आज तक पेंशन नहीं मिल पाया है. राशन कार्ड के लिए एमओ साहब से कई बार कहा, लेकिन उन्होंने आज तक इस विधवा महिला का राशन कार्ड मुहैया नहीं कराया. लाचार व विवश महिला कभी भी भूख से मर सकती है.
बड़कागांव के प्रभारी खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी रवि रंजन ने बताया कि नया प्रभार मुझे मिला है. विधवा का राशन कार्ड नहीं बना है इसकी जानकारी मुझे नहीं है. संबंधित डीलर व मुखिया से संपर्क कर विधवा महिला का राशन कार्ड व पेंशन दिलाने का काम करेंगे.