सिदो-कान्हू, चांद भैरव के योगदानों को हमेशा याद रखा जायेगा : डीसी

हूल दिवस पर डीसी नैंसी सहाय व एसपी अरविंद कुमार सिंह ने रविवार को पीडब्ल्यूडी चौक स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 4:46 PM

डीसी और एसपी ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

प्रतिनिधि, हजारीबाग

हूल दिवस पर डीसी नैंसी सहाय व एसपी अरविंद कुमार सिंह ने रविवार को पीडब्ल्यूडी चौक स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस दौरान अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिंह और प्रशिक्षु आइएएस लोकेश बारंगे उपस्थित थे. डीसी ने कहा कि आदिवासी समाज, सभ्यता और अस्मिता के अस्तित्व की लड़ाई को लेकर सिदो-कान्हू, चांद भैरव के योगदानों को हमेशा याद रखा जायेगा. 30 जून 1855 को साहेबगंज ज़िले के भोगनाडीह गांव में वीर सिदो-कान्हू और चांद-भैरव के नेतृत्व में 400 गांवों के लगभग पांच हजार लोगों ने उन्होंने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जंग का बिगुल फूंका था. उनके कुर्बानी को नमन कर हम आज हूल दिवस मनाते है.

संत कोलंबा महाविद्यालय में पौधरोपण :

संत कोलंबा महाविद्यालय के छात्रावास में छात्रावास अधीक्षक डॉ राजकुमार चौबे की अध्यक्षता में रविवार को हूल दिवस पर पौधरोपण किया गया. मुख्य अतिथि विभावि के पूर्व कुल सचिव डॉ बंशीधर रूखैयार, विशिष्ट अतिथि इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ मुकेश कुमार ने संयुक्त रूप से सिदो-कान्हू की तस्वीर पर माल्यार्पण किया. डॉ राजकुमार चौबे ने कहा कि संथाल विद्रोह भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम की पृष्ठभूमि के रूप में जाना जाता है. डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए किया गया संथाल हूल पहली लड़ाई थी. सिदो-कान्हू ने कहा था कि जब हमें बाग, हुंडार तंग करते हैं, तो हम तीर धनुष उठाते हैं. संचालन दीपक कुमार महतो व धन्यवाद ज्ञापन यशवंत कुमार ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यार्थी रितेश यादव, सचिन कुमार, विशाल कुमार मिश्रा, संतोष हेंब्रम, बबलू हंसदा, जितेश हेंब्रम, संकेश्वर शौर्य, दिनेश्वर खरवार का सराहनीय योगदान रहा.

शहीद महापुरुषों को दी श्रद्धांजलि : इचाक.

झामुमो प्रखंड संयोजक मंडली इचाक ने हूल दिवस पर रविवार को शहीदों को श्रद्धांजलि दी. 30 जून 1855 को अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध शहीद हुए सिदो-कान्हू, चांद भैरव, फूलों झानो को याद किया गया. कार्यक्रम में 20 सूत्री अध्यक्ष मनोहर राम, रामचंद्र मेहता, गंगेश्वर मेहता, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष रंजीत कुमार मेहता, दिगम्बर कुमार मेहता, बाबुन हंसदा, उमेश मेहता, रामदिप मेहता, बंशी मेहता, सुरेंद्र मेहता, रामफल मेहता, लखीराम मांझी, सुरेश टुडू, विनोद सोरेन, मो कादिर, महादेव मांझी, राजेश मुर्मू, पानो मुर्मू समेत कई कार्यकर्ता शामिल थे.

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