झुरझुरी पंचायत के लोगों को नहीं मिल रहा पीने का पानी
झुरझुरी पंचायत में नल जल योजना लोगों के लिए सफेद हाथी बनकर रह गयी है.
कई जगह बनी जलमीनार अब शोभा की वस्तु बनी
बरकट्ठा.
झुरझुरी पंचायत में नल जल योजना लोगों के लिए सफेद हाथी बनकर रह गयी है. लोग पेयजल के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं. योजना की शुरुआत 2022 में की गई थी. दो साल बीतने के बावजूद भी जनता को पेयजल की सुविधा नहीं मिल पायी है. ग्रामीण अरुण कुमार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में सिर्फ करोड़ों की निकासी हो गयी, लेकिन धरातल पर कार्य शून्य है. झुरझुरी पंचायत के कुल पांच गांव में नल जल योजना लगभग 6 करोड़ 45 लाख की लागत से लगभग 71 से 73 जलमीनार लगाए जाने की सूची पूर्व मुखिया द्वारा सर्वे कर दिया गया था. धरातल पर इसका आधा काम भी नहीं हुआ. जलमीनार सिर्फ शोभा की वस्तु टावर की तरह खड़ी है. ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में जो सर्वे किया गया था और वही सर्वे के आधार पर यह 6 करोड़ 45 लाख की लागत से योजना सिर्फ कागज पर अधिकारियों की मिलीभगत से पैसे की बंदरबांट कर लिया गया है. ग्रामीणों ने इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. विरोध करने वाले ग्रामीणों में अकबर अंसारी, जलाल मियां, मजहर अली, फयूम अंसारी, जफुला खातून, आलम अंसारी, सत्तार अंसारी समेत अन्य लोग शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है