विभावि को सरकार की ओर से 1.69 एकड़ भूमि मिलाविभावि में संकायअध्यक्षों एवं विभागाअध्यक्षों की बैठक विश्वविद्यालय को मिला 1.69 एकड़ भूमि विभागों में होगी टॉपरों की नियुक्तिअनुबंध पर रखे जाएंगे शिक्षक2016 के पीएचडी नियमावली को लागू रखने का निर्णयपरीक्षा कार्य के लिए विभागाध्यक्ष को मिलेंगे अग्रिम राशिभवनों के मरम्मती का प्रस्ताव बनेगाअतिथि भवन दुरुस्त किया जाएगाकंटेंजेन्सी राशि मे बढ़ोतरी
विभावि में संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष की बैठक कुलपति सुमन कैथरीन किस्पोट्टा की अध्यक्षता में हुई.
विभावि में संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष की बैठक
कई निर्णय लिए गए, सिंडिकेट की बैठक में लगेगी मुहर
प्रतिनिधि, हजारीबाग
विभावि में संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष की बैठक कुलपति सुमन कैथरीन किस्पोट्टा की अध्यक्षता में हुई. कुलपति के प्रयास से विभावि को सरकार की ओर से 1.69 एकड़ जमीन मिली है. कुलपति ने कहा कि विभावि को और भूमि चाहिए, इसके लिए कागजात को प्रक्रिया में लाने का निर्णय लिया गया. शोध को और पारदर्शी व विश्वसनीय बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार पर निर्णय लिए गए. वर्ष 2024 स्नातकोत्तर के दो-दो टॉपर व डीट परीक्षा के विषय वार एक-एक टॉपरों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. इनकी पदस्थापना नियम के तहत स्नातकोत्तर विभागों में की जायेगी. अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द संपन्न की जाएगी. कुलसचिव ने बताया कि इस संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. विभावि में 2009 व 2016 में विद्वत पर्षद व सिंडिकेट से पारित पीएचडी नियमावली को लागू रखने का निर्णय लिया गया. कुलसचिव ने बताया कि 2022 के यूजीसी के पीएचडी नियमावली का कोई प्रभाव विभावि के पीएचडी नियमावली पर नहीं पड़ेगा. परीक्षा कार्य के लिए विभागाध्यक्ष को अग्रिम राशि देने का निर्णय लिया गया. विभागाध्यक्ष इसी राशि से बाहर से आनेवाले विषय विशेषज्ञ को उसी दिन भुगतान करेंगे. बैठक में विभागों को मिलनेवाली कंटेंजेन्सी में बढ़ोतरी की गयी. अब कंटेंजेन्सी के लिए दो हज़ार रुपये के स्थान पर प्रतिमाह पांच हज़ार रुपये विभाग को मिलेगा. इस प्रस्ताव को वित्त समिति व सिंडिकेट की अगली बैठक में रखा जायेगा. कई भवनों में आवश्यक मरम्मत कार्य करवाने पर निर्णय लिया गया. शिक्षकों की पदोन्नति व शिक्षकों के अवकाश में एक तरफा कटौती के संबंध में न्यायालय में लंबित अलग-अलग मुकदमों की चर्चा की गयी. विश्वविद्यालय के तरफ से नियम परिनियम के अनुसार व शिक्षक हित में पक्ष रखने के लिए विश्वविद्यालय के अधिवक्ता को निर्देश देने का निर्णय लिया गया. अतिथि भवन को दुरुस्त करने का निर्णय लिया गया. बाहर से आनेवाले विषय विशेषज्ञ को अतिथि भवन में ही ठहराया जाएगा. बैठक में विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो मिथिलेश कुमार सिंह, कुलसचिव डॉ मो मोख्तार आलम के अलावा सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, वित्त पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र कुशवाहा व परीक्षा नियंत्रक डॉ सुनील कुमार दुबे उपस्थित थे.
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