बिजली के लिए हजारीबाग की डीवीसी पर निर्भरता खत्म करने की पहल हुई शुरू, विभाग खुद का सिस्टम कर रहा तैयार
हजारीबाग प्रमंडल को डीवीसी पर बिजली की निर्भरता कम करने को लेकर कवायद शुरू हो गया है. झारखंड उर्जा संचरण निगम डीवीसी कमांड एरिया के विद्युत सब-स्टेशन तक पहुंचाने के लिए ग्रिड बना रहा है.
हजारीबाग प्रमंडल को डीवीसी पर बिजली की निर्भरता कम करने को लेकर कवायद शुरू हो गया है. झारखंड उर्जा संचरण निगम डीवीसी कमांड एरिया के विद्युत सब-स्टेशन तक पहुंचाने के लिए ग्रिड बना रहा है. बिजली विभाग बिजली के लिए खुद का सिस्टम तैयार कर रहा है. झारखंड ऊर्जा विभाग के पास हजारीबाग प्रमंडल में बिजली लेने के लिए खुद का कोई सर्किट नहीं था. बिजली लेने के लिए डीवीसी पर निर्भर था. बिजली ऊर्जा संचरण निगम ने 2023 तक डीवीसी पर निर्भरता को कम करने का लक्ष्य निर्धारित रखा है.
165 मेगावाट बिजली देता है डीवीसी :
हजारीबाग व चतरा मिला कर बिजली विभाग डीवीसी से 165 मेगावाट बिजली लेता है. बिजली विभाग डीवीसी के बरही ग्रिड से 25 मेगावाट और हजारीबाग सिंदूर व बनासो ग्रिड से 145 मेगावाट बिजली ले रहा है. पिछले दिनों डीवीसी और बिजली विभाग के बकाया राशि को लेकर हजारीबाग विद्युत प्रमंडल में बिजली संकट गहराया गया था. डीवीसी ने आठ-आठ घंटे तक बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर लोड शेडिंग किया. विद्युत ऊर्जा संचरण निगम के सहायक कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि 2023 तक सभी ग्रिड बन जायेंगे. केरेडारी व बरही ग्रिड के लिए वन विभाग के पास एनओसी के लिए आवेदन भेजा गया है.