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जवाहर नवोदय विद्यालय हजारीबाग में निजी स्कूलों के कई छात्रों का हुआ चयन, जांच में सामने आयेंगे तथ्य

नियम अनुसार सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय में नामांकन का प्रावधान तय है.

आरिफ, हजारीबाग :

हजारीबाग जिला शिक्षा विभाग की ओर से जवाहर नवोदय विद्यालय के कक्षा छह में विद्यार्थियों की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की खबर है. दावा किया गया है कि 68 में एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी का चयन गलत तरीके से हुआ़ है. प्रत्येक वर्ष चालू सत्र में विद्यार्थियों का नामांकन प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया से बने सूची के माध्यम से होता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय की ओर से सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीइइओ) को प्रवेश परीक्षा कराकर इसे पूरा करने की जवाबदेही है. सत्र 2023-24 में 68 विद्यार्थियों का जिले भर में चयन हुआ है. इसमें कुछ सेंटर (परीक्षा केंद्र) पर विद्यार्थियों के चयन में गड़बड़ी हुई है. नियम अनुसार सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय में नामांकन का प्रावधान तय है.

इस प्रक्रिया में मिलीभगत कर एक दर्जन से अधिक निजी विद्यालय में अध्ययनरत संपन्न परिवार से जुड़े विद्यार्थियों को पहले प्रवेश परीक्षा में शामिल कराया गया. बाद में बेहतर परिणाम (प्रवेश परीक्षा पास कर जाने) के बाद सभी विद्यार्थियों की सूची तिगड़म लगाकर जवाहर नवोदय विद्यालय को भेजी गयी. पहले बीइइओ फिर डीइओ कार्यालय की ओर से सत्यापित सूची देखकर जवाहर नवोदय विद्यालय में विद्यार्थियों का नामांकन हो गया है. इस पर कई लोगों ने जांच कर प्रवेश परीक्षा के नाम पर रैकेट का खुलासा करने की मांग डीसी नैंसी सहाय से किया है. लोगों का दावा किया है कि जांच के बाद बड़ा रैकेट का खुलासा होगा. कई शिक्षा अधिकारी कमीशन के आगे विद्यार्थियों की पहचान करने में अनदेखी किया है. यहां तक कहा गया है कि जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में निजी स्कूल के विद्यार्थियों को शामिल करने का खेल लंबे समय से शुरू है. इस खेल में कई शिक्षक अपने बच्चों को शामिल कर जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ा रहे हैं. इसका प्रमाण कई लोगों ने अपने पास मौजूद बताया है. इस ओर निष्पक्ष जांच होने पर चौंकाने वाला तथ्य सामने आयेगा.

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एदला उत्क्रमित मवि में सात वर्ष से सरकारी शिक्षक नहीं: कटकमसांडी प्रखंड के एदला उत्क्रमित मवि में जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा केंद्र बनने पर सवाल उठा है. शांतिपूर्ण एवं सदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराने को लेकर नियमानुसार जिला मुख्यालय में सभी परीक्षा केंद्र बनना है. नियम की अनदेखी कर सुदूरवर्ती (जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर सुनसान इलाका) में स्थित एकमात्र उत्क्रमित मध्य विद्यालय एदला में कई बार जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा केंद्र बना है. बता दें कि स्कूल 1962 में खुला है. 2016 में शिक्षक बंशी राम दांगी के सेवानिवृत्ति बाद पेंच लगाकर पारा टीचर श्यामदेव यादव प्रभारी प्रधानाध्यापक बना है. दबंग प्रवृत्ति का श्यामदेव यादव सात वर्षों से लगातार प्रभारी प्रधानाध्यापक बना है. स्कूल में सरकारी शिक्षक की पोस्टिंग में अड़चन करता है. इस विद्यालय से अब तक दो दर्जन से अधिक विद्यार्थी नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं. लोगों का दावा है कि सरकारी स्कूल में अध्ययनरत बताकर निजी स्कूल के विद्यार्थियों को जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में शामिल कर उसे उत्तीर्ण (पास) कराने जैसा खेल हुआ है.

विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा:

केंद्र सरकार की ओर से संचालित इकलौता जिला स्तर पर जवाहर नवोदय विद्यालय इचाक प्रखंड के बोंगा में स्थित है. सरकारी स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षा छह में चयन होने पर उसे 12वीं तक उच्च कोटि (निजी विद्यालय की तरह) सीबीएसई पैटर्न आधारित नि:शुल्क शिक्षा मिलती है. शिक्षा लेने का दौरान विद्यार्थियों के रहने-सहने, खाने, शिक्षण सामग्री की खरीदारी अन्य आवश्यक चीजें (एक गरीब परिवार के अभिभावक के पास नहीं है) की सुविधा सभी विद्यार्थियों को मिलता है. हजारीबाग में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना 1996 में हुई है. 28 वर्षों से निश्चित सीट (कक्षा छह) के लिए जिले के सभी 16 प्रखंड में प्रवेश परीक्षा हुआ है.

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