बरही (हजारीबाग): देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि 27 मई (सोमवार) को है. 27 मई 1964 को उनका निधन हुआ था. हजारीबाग के बरही क्षेत्र के लिए नेहरू का अमूल्य योगदान रहा है. भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के दामोदर वैली कॉर्पोरेशन का पहला डैम और चार मेगावाट के जल विद्युत उत्पादन संयंत्र इसी क्षेत्र में लगा. इस तिलैया डैम परियोजना के लिए बरही अनुमंडल के 65 गांवों की जमीन ली गयी. इसी भूमि पर डीवीसी तिलैया डैम परियोजना का वर्ष 1948 में शिलान्यास व परियोजना के पूर्ण होने पर उद्घाटन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने ही 21 फरवरी वर्ष 1953 में किया था.
तिलैया डैम पर बने सेतु का उद्घाटन जवाहरलाल ने ही किया था
रांची से पटना जाने के क्रम में तिलैया डैम पर जो सेतु बना उसका भी उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू ने किया था. इसी कारण इस सेतु का जवाहर पुल नाम पड़ा है. एनएच 31 पर बरही से उरवां तक करीब सात किलोमीटर लंबी घाटी को उन्हीं के नाम पर जवाहर घाटी नामकरण किया गया. जवारपुल के पास सड़क से नीचे डैम के पानी तक जाने के लिए पत्थर की खूबसूरत सीढ़ी का निर्माण किया गया था. नेहरू इसी सीढ़ी से उतर कर नीचे डैम के पानी तक गए थे. सीढ़ी को इधर एनएच 31 के चार लेन चौड़ीकरण के क्रम में तोड़ दिया गया. जवाहर पुल के उत्तर में नेहरू की स्मृति में जवाहर पार्क व डैम के दक्षिण में ग्राम माधवपुर के पास खूबसूरत चाचा नेहरू पार्क का निर्माण कराया गया था, जो उचित देख-रेख के अभाव में आज बदतर स्थिति में है. यह इलाका पंडित नेहरू के योगदान व स्मृति का गवाह है, पर यहां उनकी प्रतिमा तक नहीं है.
जवाहर घाटी में नेहरू की प्रतिमा लगाने की मांग
नेहरू विचार मंच बरही ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के योगदान के देखते हुए उनके सम्मान में जवाहर घाटी में प्रतिमा लगाने की मांग की है. प्रतिमा के लिए जवाहर पुल के पास उचित स्थल बताया है. इस मांग का समर्थन बरही के सामाजिक कार्यकर्ता कपिल केसरी, युवा कांग्रेस के मनोहर यादव, मीडिया सेल के उदय केसरी ने भी किया है.
क्या कहते हैं विधायक
बरही विधायक उमाशंकर अकेला यादव ने कहा कि पंडित नेहरू के योगदान को देखते हुए जवाहर घाटी में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाने का विचार अच्छा है. चुनाव आचार संहिता हटने के बाद इसके लिए डीवीसी प्रबंधन से प्रतिमा लगाने की बात की जायेगी. मुख्यमंत्री से भी बात करूंगा.