कभी 12 महीने पानी से लबालब रहने वाली नदियों में एक बूंद भी पानी नहीं
बड़कागांव की कई नदियां, तालाब व कुएं सूख चुके हैं. दर्जनों चापानल खराब है,
बड़कागांव में कोयला और बालू खनन से जल स्तर घटा, पानी के लिए हाहाकार
बड़कागांव.
बड़कागांव की कई नदियां, तालाब व कुएं सूख चुके हैं. दर्जनों चापानल खराब है, बड़कागांव प्रखंड के चिरूडीह, बरवाडीह, डाड़ी कला, मंझली डाड़ी, कनकी डाड़ी क्षेत्र में कोयला खदान के कारण जलस्तर नीचे चला गया. इसके अलावा नदियों से बालू का अवैध उठाव के कारण भी जल स्तर नीचे जा रहा है. बड़कागांव के रामसागर तालाब, करकैया, डूमारो में दो तालाब, गुरुचट्टी में दो तालाब, हरली में बडकी तालाब, चंदौल में पकरिया, पुदौंल में जोगिनिया, होरम में भीमा पोखर, टोरिया पोखर, जोरा काठ बांध, बरवनिया तालाब, महुगाई खुर्द में लबनिया तालाब, बिसाही तालाब, सिंदुवारी डाडी आहार, डाडीनौवा आहार, डाड़ी केदुआ आहार, सांढ तालाब, अंबाजीत तालाब, आंगो तालाब, उरेज तालाब, खरांटी तालाब, नापोखुर्द बरवनिया तालाब में पानी का स्तर कम हो गया है. इसमें से 10 से अधिक तालाब सूख चुके हैं.नदियों का जलस्तर प्रभावित :
प्रखंड के दर्जनों नदियों में बालू खनन के कारण नदियां सूख चुकी हैं. बड़कागांव प्रखंड के दामोदर नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है. दामोदर नदी का सहायक नदी हहारो नदी है, जो बड़कागांव के पहाड़ी क्षेत्र से निकली है. यह नदी बड़कागांव, बादम, बिश्रामपुर, गोंदलपूरा सिंगार सराय, देवगढ़, आगों और हेंदेगिर आदि गांव होते दामोदर नदी में मिलती है. बड़कागांव के 50 गांव से क्षेत्रीय नदी हारो नदी में मिलती है और यह हर नदी दामोदर नदी में मिलती है. दामोदर नदी बंगाल खाड़ी में मिलती है.बड़कागांव में 100 चापाकल खराब :
जेई प्रदीप तिर्की के मुताबिक प्रखंड में 1800 चापानल है. इसमें लगभग 100 खराब है. इनकी मरम्मत जारी है. वहीं, प्रखंड में दर्जनों जल मीनार बनाए गए हैं. प्रति जलमीनार 2500000 रुपये सरकार का खर्च है. इसमें 17 जलमीनार में लगभग सवा चार करोड़ खर्च की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है