कोरोना के डर नहीं बिक रहे हैं मांस – मछली, चौक चौराहों पर छाने लगा है सन्नाटा

चौक- चौराहों में सन्नाटा छा गया

By PankajKumar Pathak | March 20, 2020 10:34 PM
an image

बड़कागांव :बड़कागांव प्रखंड तथा आसपास के क्षेत्रों में कोरोनावायरस को लेकर लोगों में भय बना हुआ है .यही कारण है अधिकांश लोग अपने घरों से निकलना बंद कर दिए हैं . आवश्यक कार्यों पर ही लोग निकल रहे हैं .इसलिए विभिन्न चौक- चौराहों में सन्नाटा छा गया है .भीड़-भाड़ वाले स्थान बड़कागांव मुख्य चौक, टैक्सी व बस ठहराव के पास सन्नाटा देखा जा रहा है. वही बड़कागांव दैनिक बाजार में इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा है.

पहले की तरह आज भी यहां भीड़- भाड़ है .लेकिन प्रखंड प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां कोई उचित व्यवस्था नहीं किया गया है . विभिन्न क्षेत्र में गंदगी को साफ -सफाई नहीं की गई है. हैंडवाश की व्यवस्था नही है. और न ही कोई जागरूकता संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं .जबकि महामारी एक्ट कोविड 19 के तहत सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया है कि सार्वजनिक स्थलों में हैंड वास एवं जागरूकता संबंधित पोस्टर लगाना है. जबसे आदेश जारी किया गया है तब से यहां अधिनियम का कोई पालन नहीं हो रहा है. बस यात्रियों का भी एड्रेस नहीं लिया जा रहा है.

बैंकों में सुविधा नहीं

प्रखंड के विभिन्न बैंकों में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लगी रहती है .लेकिन इन बैंकों में कोरोना से बचने के लिए कोई साधन मुहैया नहीं कराया गया है .और ना ही हैंडवाश की व्यवस्था है.

बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक ने बताया कि मास्क एवं सेनेटाइजर दुकानों व मेडिकल में नहीं मिल रहा है .इस बैंक में बैंक प्रबंधक छोड़कर सभी कर्मी मास्क लगाए हुए थे. भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा में ग्रामीणों के लिए हैंडवाश की व्यवस्था नहीं है.

मांस मछलियों की मांग घटी सब्जियों की मांग बढ़ी

बड़कागांव प्रखंड के दैनिक बाजार में ब्रायलर मुर्गा, देसी मुर्गा मछली बाजार एवं अंडे दुकानों में उदासीनता छाई हुई है. मुर्गा विक्रेताओं ने बताया कि क्रोना वायरस को लेकर लोगों में भय बना हुआ है. इस कारण पूंजी भी निकलना मुश्किल है .जब से व्यवसायियों द्वारा जंगल में मुर्गे फेंक दिये गए , तब से मुर्गा की बिक्री कम हो गई है. वही दैनिक बाजार में सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि जब से कोरोनावायरस गडर लोग में समाया है, तब से सब्जियों की मांग बढ़ी है

Exit mobile version