Jharkhand Crime News : इस बैंक ने नीलाम कर दी डेढ़ करोड़ की वन भूमि, सीआइडी जांच शुरू, जानें क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि हजारीबाग स्थित मां कामाख्या राइस मिल ने कर्ज लेने के लिए बैंक के पास जमीन गिरवी रखी थी. मिल की ओर से गिरवी रखी गयी जमीन के तीन टुकड़ों में से दो वन भूमि से संबंधित है. इस मामले में राज्य सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि मिल की ओर मौजा वभनी की कुल 1.44 एकड़ जमीन बैंक में गिरवी रखी गयी थी.
CID Investigation on Bank of India, Ranchi Crime News रांची : बैंक ऑफ इंडिया ने डेढ़ करोड़ रुपये की वनभूमि नीलाम कर दी है. यह जमीन मां कामाख्या राइस मिल ने बैंक के पास गिरवी रखी थी. राइस मिल की ओर से कर्ज नहीं चुकाने की वजह से बैंक ने पिछले दिनों सरफेसी एक्ट के प्रावधान के तहत मिल की संपत्ति को नीलाम कर दिया, जिसमें गिरवी रखी गयी वनभूमि भी नीलाम हो गयी. मामले की गंभीरता के देखते हुए सरकार ने जांच की जिम्मेदारी सीआइडी को सौंप दी है.
बताया जाता है कि हजारीबाग स्थित मां कामाख्या राइस मिल ने कर्ज लेने के लिए बैंक के पास जमीन गिरवी रखी थी. मिल की ओर से गिरवी रखी गयी जमीन के तीन टुकड़ों में से दो वन भूमि से संबंधित है. इस मामले में राज्य सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि मिल की ओर मौजा वभनी की कुल 1.44 एकड़ जमीन बैंक में गिरवी रखी गयी थी.
मिल की ओर से गिरवी रखी गयी जमीन (खाता-39, प्लॉट-686) सरकार दस्तावेज में गैर मजरुआ खास (जंगल) दर्ज है. इसके अलावा खाता-95 का प्लॉट-848/1063 की जमीन भी सरकारी दस्तावेज के अनुसार गैर मजरुआ खास है. बैंक ने गिरवी रखी गयी 95.66 डिसमिल जमीन की रिजर्व प्राइस 131.75 लाख और 49 डिसमिल जमीन का रिजर्व प्राइस 24.64 लाख रुपये निर्धारित की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में भी जिला प्राशासन की ओर से जमीन के इन दो टुकड़ों के वन भूमि होने की सूचना जिला अवर निबंधक को दी गयी थी, ताकि निबंधन को रद्द करने की कार्रवाई की जा सके. हालांकि जिला अवर निबंधक के स्तर से इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी. बैंक ने 31 मई 2021 को कर्ज वसूली के लिए बैंक ने मिल की संपत्ति को नीलाम कर दिया. जिला प्रशासन ने नीलामी से पहले बैंक से यह अनुरोध किया था कि इस मिल पर राज्य सरकार का 7.20 करोड़ रुपये बकाया है.
यह बकाया धान की मिलिंग के बाद उसे खाद्य निगम में नहीं पहुंचाने की वजह से हुई है. जिला प्रशासन की ओर से कहा गया था कि अगर मिल की नीलामी कर दी जाती है, तो सरकार को बकाया राशि वसूलने में परेशानी होगी.
हालांकि बैंक ने जिला प्रशासन के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए मिल की नीलामी कर दी. बैंक द्वारा की गयी नीलामी के बाद सरकार का बकाया 7.20 करोड़ की वसूली की कवायद के दौरान वन भूमि की फिर से जांच करायी गयी. इसके बाद वनभूमि की नीलामी के मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी गयी है.
Posted By : Sameer Oraon