प्रतिनिधि, बड़कागांव
बड़कागांव के राम जानकी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का स्नान विधि कार्यक्रम किया गया. पुजारी चिंतामणि महतो के नेतृत्व में पूजा और भोग लगाया गया. आरती की गयी. इस अनुष्ठान के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा बीमार अवस्था में चले गये. मौके पर पिंटू गुप्ता, दर्शन प्रसाद कुशवाहा, रविंद्र लाल, बंधन महतो, अंतू महतो गायत्री देवी, कैलाश महतो, आनंद कुमार समेत अन्य मौजूद थे. पुजारी ने बताया कि पांचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं. इस कारण 15 दिनों तक मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान एकांतवास में रहकर भगवान का उपचार विशेष औषधियों से किया जाता है. ज्ञात हो कि बड़कागांव में रथ-यात्रा धूमधाम से निकाली जाती है. इसमें हजारों भक्त जुटते हैं. कई महीने पहले से ही तैयारियां भी शुरू हो जाती है. रथ यात्रा की शुरुआत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होती है और शुक्ल पक्ष के सातवें दिन जगन्नाथ भगवान की वापसी के साथ यात्रा का समापन होता है.क्यों बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ :
हर साल 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ के बीमार होने के पीछे कई प्रचलित कथाएं हैं. एक मान्यता यह भी है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भक्तों द्वारा स्नान कराने के बाद भगवान रात में बीमार पड़ जाते हैं. उन्हें स्वस्थ करने के लिए वैद्य द्वारा काढ़ा पिलाया जाता है. 15 दिनों तक वे केवल काढ़ा और फलों का जूस ही पीते हैं. साथ ही पूरे 15 दिनों तक भगवान को शीतल लेप भी लगाया जाता है. रात को सोने से पहले मीठा दूध अर्पित किया जाता है. इस दौरान मंदिर में न तो घंटी बजती है न भक्त दर्शन कर पाते हैं और न ही भगवान को अन्न का भोग लगाया जाता है.भक्तों को कब दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ :
15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ का उपचार चलेगा और प्रतिदिन वैद्य उनका इलाज करेंगे. इन 15 दिनों तक भगवान एकांतवास में रहेंगे. 15 दिन बाद भक्तों के लिए कपाट खोल दिया जायेगा. सात जुलाई को रथ यात्रा मेला का आयोजन किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है