ब्राउन शुगर की चपेट में बड़कागांव, बर्बाद हो रही युवाओं की जिंदगी
ब्राउन शुगर जानलेवा नशा है. बड़कागांव के युवा तेजी से इस नशे की चपेट में आ रहे हैं.
ड्रग्स का जाल. बड़कागांव में तेजी से फैल रहा नशे का कारोबार
प्रतिनिधि, बड़कागांवब्राउन शुगर जानलेवा नशा है. बड़कागांव के युवा तेजी से इस नशे की चपेट में आ रहे हैं. बड़कागांव का पत्थलगढ़ा क्षेत्र ब्राउन शुगर कारोबारियों का अड्डा बन चुका है. हालांकि बड़कागांव में ब्राउन शुगर मिलने का कई हॉट स्पॉट है. बड़कागांव के हर मोहल्ले में ब्राउन शुगर का नशा करने वाले युवक मिल जाएंगे. बड़कागांव थाना प्रभारी मुकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में 10 दिन पहले पुलिस ने एक नशे के कारोबारी को हुरलंगबागी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हालांकि पुलिस सूचना मिलने के बाद छापेमारी करती है, इसके बाद हाथ पर हाथ धर बैठ जाती है. ब्राउन शुगर का नशा करने वाले युवकों के अनुसार ब्राउन शुगर के कारोबारी नशीली पुड़िया लेकर टोले-मोहल्ले में बाइक, कार और बुलेट से चलते हैं. चौक-चौराहों पर रूककर हमेशा के खरीदार को पहचानकर बेचते हैं. ऐसा हुलिया बनाए रहते हैं कि नशा का कारोबारी है पहचानना मुश्किल हो जाता है. नौजवान इस नशीली पुड़िया की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. यदि इसपर लगाम नहीं लगाया गया तो, आने वाले दिनों में बड़कागांव के नौजवान इस लत में शामिल होकर अपना जीवन बर्बाद कर लेंगे.
पांच सौ रुपये में मिलती है बीएस की पुड़िया
पीड़ित युवाओं के परिजन बताते हैं कि एक बीएस पुड़िया 500 रुपये में मिलती है. कुछ लोग बताते हैं कि बड़कागांव में इतने बड़े पैमाने पर ब्राउन शुगर की तस्करी की जा रही है कि बड़कागांव प्रखंड के लोग तो दूर उरिमारी, भुरकुंडा, रामगढ़, केरेडारी, टंडवा, सिमरिया, चतरा सहित अन्य जगह से लोग पहुंचकर नशे की पुड़िया खरीदते हैं. इस नशा में युवा इस कदर डूब गये हैं कि बीएस की पुड़िया खरीदने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं. युवक कई बार अपने घर के कीमती सामान को भी बेच कर ब्राउन शुगर खरीदने का जुगाड़ लगा लेते हैं.एक पीड़ित पिता की कहानी :
एक पीड़ित पिता ने बताया कि हमारा लड़का ब्राउन शुगर की लत में बर्बाद हो गया. पहले वह किसी बहाने से 500 रुपये मांगता था. जब हम लोगों को जानकारी मिली कि यह नशे की आदी हो चुका है तो पैसा देना छोड़ दिया. वह ब्राउन शुगर के लिए कोई भी कदम उठा लेता है. पैसे नहीं देने पर मारपीट करने लगता है. इससे भी नहीं तो घर का कोई सामान बेचकर अपनी लत को पूरी करता है.कहां-कहां मिल रही है नशीली पुड़िया
ब्राउन शुगर से पीड़ित एक युवक ने बताया कि यह नशा करने से शरीर को कंट्रोल से बाहर कर देता है. इस दौरान वह कुछ भी कर सकता है. दोबारा इस नशे को लेने के लिए शरीर व्याकुल हो जाता है. उसने बताया कि पत्थलगड्डा के एक गांव में बेचने वाला आता है. वह बड़कागांव चट्टी, बसरिया मोहल्ला, नटराज नगर चोरका रोड, महटीकरा चौक, प्रेम नगर, हरली, बादम, विश्रामपुर, बलिया, डोकाटांड़, नयाटांड़ सहित चौक-चौराहों में घूम-घूम कर बिक्री करता है.ब्राउन शुगर लेने वालों का अड्डा
बालिका उच्च विद्यालय के बगल, एनटीपीसी आरएनआर कॉलोनी, दाता बाबा के बगल स्थित पुस्तकालय भवन, चोरका नदी, पीपल नदी, बका चौक मोबाइल टावर के पास, रामसागर तालाब के पास, मंझला बाला नदी के पास, शनिचर बाजार, हरली बुध बाजार, हरली मेलाटांड़, बीएमसी ग्राउंड बादम, भगवान बागी सहित कई जगहों पर नशेड़ियों का अड्डा रहता है.ऐसे ब्राउन शुगर का सेवन करते हैं नशेड़ी
नशा करनेवाला व्यक्ति ब्राउन शुगर को एल्युमिनियम फॉयल के ऊपर रखकर नीचे से माचिस की तीली जला कर उसे गर्म करता है, जिससे ब्राउन शुगर धुएं में बदल जाता है. इस धुएं को वह मुंह से अंदर खींचता है. नशा बढ़ाने के लिए अलग से सिगरेट या बीड़ी पीता है. नशा करनेवाले एक युवक ने बताया कि ब्राउन शुगर जैसे ही शरीर के अंदर जाता है, लगता है कि वह हवा में उड़ रहा है. ब्राउन शुगर का सेवन करने से आंखों और नाक से पानी आने लगता है.नशेड़ियों के खौफ से महिलाओं को परेशानी
बड़कागांव के कुछ लोग बताते हैं कि ब्राउन शुगर का नशा करने के बाद युवा आपस में गाली-ग्लौज और मारपीट करते हैं. सड़क पर गुजर रही महिलाओं से छेड़छाड़ करने पर उतारू हो जाते हैं. कुछ महिलाओं के साथ तो छिनतई की घटनाएं भी हुई है. कोई बुजुर्ग नशा करनेवाले को रोक-टोक करते हैं, तो उनके साथ भी गलत व्यवहार किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है