बड़कागांव.
स्वतंत्रता सेनानी बड़कू मांझी और गुर्जर महतो के गांव अंबाटोला के साप्ताहिक बाजार में शेड और शौचालय नहीं है. शेड नहीं रहने से व्यवसायियों व किसानों को पेड़ के नीचे दुकान लगानी पड़ती है. कई ऐसे दुकानदार व किसान हैं, जिन्हें सब्जी दुकान खुले आसमान के नीचे लगाना पड़ता है. धूप व बरसात के दिनों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बाजार में शौचालय नहीं रहने के कारण लोगों को परेशानी होती है. बाजार में आने वाले महिला-पुरुषों को शौच के लिए जंगलों व झाड़ियों का सहारा लेना पड़ता है. बाजार में अंबाटोला, आंगो, झिकझोर, देवगढ़, डूमर, बेड़ा, सिमरजारा, फटरिया पानी, पचड़ा, चेलगदाग, कुंदरू, पतरा, पलांडू, तालसवार, कोयलांग, सोहादी, नया तांड, सिमरा तरी, गुडूकुआ समेत दर्जनों गांव के लोग इस बाजार में आते हैं. स्वतंत्रा सेनानी बड़कू मांझी की पौत्री मुखिया ने बताया कि बाजार में शेड नहीं रहने के कारण धूप व बरसात के दिनों में दिक्कत होती है. शौचालय नहीं रहने के कारण महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है