प्रतिनिधि, हजारीबाग
जीएम संध्याकालीन महाविद्यालय इचाक ने बीए समसत्र-छह भूगोल विभाग के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भ्रमण कराया. विद्यार्थियों ने रजरप्पा के भौगोलिक क्षेत्र का भ्रमण किया. प्राकृतिक सौंदर्य, दामोदर नदी, उसकी सहायक नदियां जैसे बराकर, कोनार, हाहारो, जमुनिया, घरी, गुइया, खड़िया और भेरा को देखा. भूगोल विभाग के शिक्षक दीपेंद्र कुमार ने विद्यार्थियों को बताया कि दामोदर नदी का उद्गम स्थल छोटानागपुर पठार के खमरपत पहाड़ी से होता है. दामोदर और बराकर छोटानागपुर पठार को विभाजित करते हैं. मां छिन्नमस्तिका मंदिर, दामोदर नदी और भैरवी नदी के संगम स्थल पर है. विभागीय शिक्षक संजीत कुमार ने पतरातू डैम, घाटी और कल कारखाना की विशेषता और कल कारखाना से होने वाले नुकसान के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कल कारखाने से निकलने वाले गंदा पानी, धुआं, वेस्टेज सामग्री जिसे इधर-उधर फेंक दिया जाता है, उसका प्रभाव मानव जाति व पर्यावरण पर पड़ता है. इसकी परख हम सभी को नहीं है. वायु प्रदूषण, कचरे का प्रबंधन नहीं करना, गिरते भूजल का संग्रहण नहीं करना, पानी की कमी, जल प्रदूषण और वनों की गुणवत्ता, जैव विविधता के नुकसान व मिट्टी का क्षरण आज का प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दा है. इन सभी समस्याओं का समाधान पर्यावरण को संतुलित रखने में ही है. सचिव शंभू कुमार ने विद्यार्थियों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. शैक्षणिक भ्रमण सफल बनाने में कॉलेज के प्रभारी पंकज कुमार, नीलिमा कुजूर का सहयोग रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है