सरकार की कार्य प्रणाली पर जनता की निगरानी जरूरी : सतीश
नव भारत जागृति केंद्र में मंगलवार को आपातकाल लोकतंत्र के लिए कलंक विषय पर संगोष्ठी हुई.
आपातकाल लोकतंत्र पर कलंक विषय पर संगोष्ठी
हजारीबाग.
नव भारत जागृति केंद्र में मंगलवार को आपातकाल लोकतंत्र के लिए कलंक विषय पर संगोष्ठी हुई. इसकी शुरुआत लाेक नायक जय प्रकाश नारायण की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुआ. अध्यक्षता पूर्व लोक अभियोजक व आंदोलनकारी स्वरूप चंद्र जैन ने की. लाेक समिति अध्यक्ष सतीश गिरजा ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का काल भारतीय राजनीत में काला अध्याय रहा. श्री गिरजा ने कहा कि सरकार की कार्य प्रणाली पर जनता की निगरानी जरूरी है. इसी को जय प्रकाश नारायण ने आंदोलन का विषय बनाया था. आंदोलन ने जनता को सरकार की निरंकुशता के खिलाफ आवाज बुलंद करने का रास्ता दिखाया. उन्होंने आपातकाल में अपनी गिरफ्तारी और जेल अनुभाव को साक्षा किया. स्वरूप चंद्र जैन ने कहा कि लोकतंत्र पर खतरा पैदा करने वाले तथ्यों के खिलाफ यह आंदोलन था. जय प्रकाश नारायण ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन शुरू किया था. जो बाद में आगे चलकर जन आंदोलन का रूप लिया. प्रो केपी शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए लोगों के मौलिक अधिकार सुरक्षित हो. गणेश कुमार सिटु ने कहा कि मनरेगा के मजदूरों को नियमित भुगतान समेत कई सुधार के मांग किये. हरिश श्रीवास्तव, बटेश्वर प्रसाद मेहता, विजय वर्मा, सुमित्रा देवी, उमेश प्रताप, अवधेश चंद्र पांडेय, देव शरण सुमन ने भी अपने विचार रखें. मंच संचालन शंकर राणा एवं धन्यवाद ज्ञापन संजीव सिंह ने की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है