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गार्डवाल नहीं होने से हर साल नदी में समा जाती हैं फसल लगी जमीन

बड़कागांव की नदियों के किनारे गार्डवाल नहीं बनने से हर बरसात में किसानों की फसल लगी कई एकड़ जमीन बह जाती है. इस बार भी मानसून नजदीक है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 4:43 PM

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कई बार जिला प्रशासन से गार्डवाल बनाने की मांग की गयी

बड़कागांव के हहारो नदी, तरीवा नदी, झरिवा नदी, मंझला बाला नदी, कांडतरी नदी, सिरमा, छवानिया नदी, छावनिया नदी, पंडरिया नदी, दामोदर नदी किनारे फसलों को हर साल नुकसान

प्रतिनिधि, बड़कागांव

बड़कागांव की नदियों के किनारे गार्डवाल नहीं बनने से हर बरसात में किसानों की फसल लगी कई एकड़ जमीन बह जाती है. इस बार भी मानसून नजदीक है. किसान चिंतित हैं कि गार्डवाल नहीं बनने के कारण फसल लगी जमीन फिर बह सकती है. किसानों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कई बार जिला प्रशासन को गार्डवाल बनाने की मांग की गयी. बड़कागांव के हहारो नदी, तरीवा नदी, झरिवा नदी, मंझला बाला नदी, कांडतरी नदी, सिरमा, छवानिया नदी, छावनिया नदी, पंडरिया नदी, दामोदर नदी में जलस्तर बरसात के दिनों में बढ़ जाता है. इससे नदी के किनारे स्थित खेत को भी अपने में समा लेती है. गत वर्ष भी कई किसानों की खड़ी फसल के साथ जमीन नदी में समा गयी. खेतों में बनाए गए दर्जनों कुएं बह गए. साथ ही कई ऐसे कुएं हैं तो नदी में मिल गये हैं. आजसू पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष गौतम वर्मा का कहना है कि नदी किनारे गार्डवाल रहता, तो जमीन नहीं बहती. बादम में पिछले वर्ष नदी के किनारे तिलक राम का घर भी बहते-बहते बचा है. इस बार बरसात में उसका भी घर बह सकता है. उन्होंने नदी के तट पर गार्डवाल का निर्माण कराने की मांग की. कहा कि गार्डवाल बन जाने के बाद जमीन और आसपास के इलाके के लोगों के घर भी सुरक्षित रहेंगे.

नदी में समा गयी कई किसानों की जमीन :

बादम में पंचायत समिति सदस्य राजा खान, मो अब्दुल्ला ने बताया कि गत वर्ष हाहारो नदी के बादमाही नदी तट पर गार्डवाल नहीं रहने के कारण 20-25 एकड़ जमीन बह गयी. जगदेव महतो की दो एकड़ जमीन, भेखलाल महतो की दो एकड़, चंद्रिका महतो की एक एकड़, हुसैनी चौधरी की एक एकड़, जगदीश राम के 20 कट्ठा, मो सादिक की दो एकड़, रजा-उल-हक की दो एकड़, मो खालिद की एक एकड़, बनवारी साव के पांच कट्ठा, प्रमोद महतो के दो कट्ठा, इंदरनाथ महतो के पांच कट्ठा समेत दर्जनों किसान की जमीन बह गयी थी. इधर, कांडतरी नदी के किनारे पांच एकड़ जमीन, सिरमा- छावनिया पंडरिया नदी के किनारे चार एकड़ जमीन, डूमारो नदी के किनारे दो एकड़ जमीन, झरीवा, तरीवा, हरदरा, चोरका, दो मोहना नदी में 10 एकड़ जमीन बह गयी है.

क्या कहते हैं किसान :

बड़कागांव के गुरुचट्टी निवासी मो गुलाम नबी, मो मुस्तकीम, मो रसूल ने बताया कि जिला परिषद सदस्य के माध्यम से हम लोगों ने जिला प्रशासन को डूमारो नदी किनारे बही जमीन को लेकर अवगत कराया था. लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है.

क्या कहते हैं जिप सदस्य :

पश्चिम क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा व मो इब्राहिम ने बताया कि इस संबंध में जिला परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखे हैं. डीसी को ज्ञापन देकर गार्डवाल बनाने की मांग की है.

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