21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक साल से जलमीनार बनकर तैयार, ग्रामीणों को पेयजल का इंतजार

शाहर के ग्रामीण क्षेत्र के घर-घर में नल के माध्यम से स्वच्छ पानी देने की प्रधानमंत्री की योजना को अधिकारी और ठेकेदार बंटाधार कर रहे हैं.

जल जीवन मिशन योजना का अधिकारी और ठेकेदार कर रहे बंटाधार

प्रतिनिधि, हजारीबाग

शाहर के ग्रामीण क्षेत्र के घर-घर में नल के माध्यम से स्वच्छ पानी देने की प्रधानमंत्री की योजना को अधिकारी और ठेकेदार बंटाधार कर रहे हैं. यह योजना भारत सरकार को राज्यों के साथ मिलकर 2019 में जल जीवन मिशन नाम से चलाना था. इसके तहत 2024 तक देश के सभी गांव में रहने वाले ग्रामीणों के घर में नल के माध्यम से प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ पीने का पानी देना था. इसके लिए केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को वित्तीय वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 तक 5953 लाख रुपये दिए हैं. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में डीप बोरिंग व जल मीनार बनाकर मोटर के माध्यम से प्रत्येक घर में पानी की आपूर्ति करना था. इस योजना के तहत हजारीबाग जिले के 16 प्रखंडों के लगभग 250 पंचायत के 1300 गांव के ग्रामीणों को नल के माध्यम से पानी देना था, लेकिन जून 2024 आ जाने के बावजूद अधिकतर गांवों में यह योजना आरंभ नहीं हो पाया है. सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सदर प्रखंड के प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम चपवा में जलमीनार फरवरी 2024 में बनकर तैयार हो गयी है. लगभग 150 घरों में नल का कनेक्शन भी हो गया है. लेकिन पानी की सप्लाई आज तक नहीं हुआ. इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार प्रखंड कार्यालय और पेय जल स्वच्छता विभाग कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं. लेकिन आज तक उनको पानी नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम का यह हाल है तो साधारण गांव का क्या हाल होगा. स्थिति को देखते हुए जिला कमेटी जिला प्रशासन से एक सप्ताह के अंदर जलमीनारों को चालू करने की मांग करती है, नहीं तो इस मामले को लेकर पूरे जिले में आंदोलन चलाने का मन बनाया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें