कपड़े से छानकर गंदा पानी पीने को विवश हैं आंबेडकर मोहल्ला के लोग
भीषण गर्मी के कारण बड़कागांव प्रखंड में अधिकांश कुएं सूख चुके हैं. कुछ कुएं में पानी इतना सूख गया है कि कुएं से गंदा पानी निकलता है. पानी का रंग पीला रहता है.
पांच करोड़ 34 लाख की लागत से बनी जलमीनार पड़ी है बेकार
प्रतिनिधि, बड़कागांव
भीषण गर्मी के कारण बड़कागांव प्रखंड में अधिकांश कुएं सूख चुके हैं. कुछ कुएं में पानी इतना सूख गया है कि कुएं से गंदा पानी निकलता है. पानी का रंग पीला रहता है. इस पानी को भी लोग पीने के लिए मजबूर हैं. बड़ागांव के आंबेडकर मोहल्ला के समरी देवी, सविता देवी का कहना है कि गंदा पानी को कपड़ा से चार बार छान कर साफ पानी बनाते हैं फिर भी गाद रह जाता. बर्तन में जब गाद बैठ जाता है, तब उसे धीरे-धीरे एक गिलास से दूसरे बर्तन में साफ पानी को डालते हैं. तब यह पानी पीने योग्य बनता है. बरवाडीह निवासी शनिचरी देवी, उर्मिला देवी का कहना है कि कुएं से जो गंदा पानी निकलता है, उसे एक फिल्टर में रखते हैं, वह फिल्टर की कीमत 2000 होता है. इस फिल्टर में पानी रखने के बाद थोड़ा साफ निकलता है. सिरमा छावनिया के तमन्ना खातून, फिरोजा खातून, साजिदा परवीन का कहना है कि नदी भी सूख चुकी है और कुएं भी जवाब देने लगे हैं. नदियों से कई फीट गड्ढे करते हैं तब पानी निकलता है. इस तरह की समस्या किसी एक गांव या टोला का नहीं है बल्कि प्रखंड के अधिकांश गांवों में देखने को मिल रहा है. पानी की समस्या से निजात पाने के लिए बड़कागांव ब्लॉक के पास पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से करोड़ों रुपये की पानी टंकी बनवायी गयी, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. इस पानी की टंकी से बड़कागांव पूर्वी पंचायत, मध्य पंचायत एवं पश्चिमी पंचायत के लोगों को पानी आपूर्ति होना था. यह पानी टंकी की प्राक्कलन राशि पांच करोड़ 34 लाख है. बाद में इसे आजसू के केंद्रीय सचिव रोशन लाल चौधरी के आग्रह पर तत्कालीन पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी को नौ करोड़ रुपए प्राक्कलन राशि बढ़ाने की अनुशंसा की गई थी. यह पानी टंकी जल नल योजना के तहत बनाई जा रही थी. लेकिन यह काम पांच वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार लिखित सूचना सांसद, विधायक व जनप्रतिनिधियों को दी. बड़कागांव में कोयला व बालू की खनन के कारण जल स्तर नीचे जा चुका है यही कारण है कि क्षेत्र में कुएं तालाब नदियां सूख चुकी हैं. जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा का कहना है कि पानी टंकी को लेकर जिला परिषद की बैठक में आवाज उठा चुकी हूं. जिला प्रशासन ने संज्ञान में लिया है. यह काम जल्द हो जायेगा.
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