नाली बहाने में बह गया रुपया, पानी जम गया
यह कोई तालाब नहीं है बल्कि शहर के बीचोंबीच स्थित गांधी मैदान में जल जमाव का दृश्य है.
नाली निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी पानी की निकासी नहीं
प्रतिनिधि, हजारीबागयह कोई तालाब नहीं है बल्कि शहर के बीचोंबीच स्थित गांधी मैदान में जल जमाव का दृश्य है. मंगलवार को पहली मूसलाधार बारिश होते ही गांधी मैदान में जलजमाव हो गया. हजारीबाग शहर का सबसे बड़ा मैदान है. हर रोज सुबह-शाम हजारों लोग टहलने और मनोरंजन करने पहुंचते हैं. मैदान से बरसात का पानी निकासी करने को लेकर नगर निगम और पीडब्ल्यूडी द्वारा पक्की नाली और कलर्भट बनाया गया है. इसी वित्तीय वर्ष नाली में निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किया गया. इसके बाद भी गांधी मैदान और उसके बाहर के मार्ग का पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गयी है. इसके कारण बरसात का पानी नाली के बजाय सड़क पर बह रहा है और गांधी मैदान का पानी का कनेक्शन निकासी से नहीं किया गया. इसके कारण मैदान के पूर्व और दक्षिण भाग में पानी लबालब मैदान में भरा हुआ है. पानी के कारण बैठने लिए लगी बेंच पूरी तरह पानी डूब गयी है. वहीं, मॉर्निंग वॉक के लिए बनाये गये पाथ-वे में घुटने भर पानी जमा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि नाली निर्माण में तकनीकी गड़गड़ी के कारण मैदान के पानी का निकासी नाली में नहीं हो रहा है.
पहली बारिश में खुल गयी भ्रष्टाचार की पोल
पहली मानसून की बारिश ने हजारीबाग नगर निगम की पोल खोलकर रख दी है. मंगलवार को हुई बारिश से शहर के सबसे बड़े मैदान में पानी जमा हो गया. नगर निगम की ओर से बारिश के पूर्व ठोस इंतजाम नहीं किए जाने की वजह से लापरवाही सामने आयी है. हालांकि यह पहली बारिश है तो यह स्थिति है. अभी तो शुरुआत है. शहर में कई जगहों पर नाली-नाले अवरुद्ध हो गए और गंदा पानी सड़कों पर जमा रहने से आवागमन में लोगों को परेशानी हुई. पहली बारिश के बाद जो स्थिति शहर की बनी उसे देखकर लोगों ने तो यह कहना शुरू कर दिया कि ‘ये तो भ्रष्टाचार की पोल खुली है’.
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