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NEET Paper Leak: हजारीबाग में प्रश्न पत्र ले जाने में भारी लापरवाही, कूरियर ऑफिस से बैंक तक टोटो से ढोये गये थे पेपर

हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह एनटीए सिटी के कोऑर्डिनेटर डॉ एहसान उल हक ने कहा कि नीट-यूजी का प्रश्न पत्र ओएसिस स्कूल से लीक नहीं हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2024 8:12 AM
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हजारीबाग : हजारीबाग में कूरियर संस्थान ने नीट-यूजी के प्रश्न पत्र के बक्से को भाड़े के ई-रिक्शा (टोटो) से एसबीआई हजारीबाग भेज दिया था. इओयू की टीम ने इतने संवेदनशील प्रश्न पत्रों को ई-रिक्शा से भेजनेवाले कूरियरवालों को फटकार भी लगायी थी. इओयू की पूछताछ में हजारीबाग में ब्लू डार्ट कूरियर के कर्मचारियों ने बताया कि तीन मई 2024 को रांची से हजारीबाग प्रश्न पत्र के बक्से कूरियर नेटवर्क की किसी गाड़ी से आये थे.

नेटवर्क वाहन में कूरियर सर्विस के अन्य सामान भी थे. उसी गाड़ी से प्रश्न पत्र का बक्सा हजारीबाग आया था. प्रश्न पत्र का बक्सा लाने वाली नेटवर्क कंपनी की गाड़ी को सिर्फ एक चालक लेकर हजारीबाग पहुंचा था. वाहन की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा गया था. इओयू की टीम ने हजारीबाग में 21 जून को जांच के दौरान पाया था कि प्रश्न पत्र के बक्से तीन मई 2024 को ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस द्वारा एसबीआइ बैंक हजारीबाग पहुंचाया गया था.

ओएसिस स्कूल से नहीं हुआ पेपर लीक

हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह एनटीए सिटी के कोऑर्डिनेटर डॉ एहसान उल हक ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि नीट-यूजी का प्रश्न पत्र ओएसिस स्कूल से लीक नहीं हुआ है. ओएसिस स्कूल के प्राचार्य डॉ एहसान उल हक ने कहा कि चार मई की रात पटना के खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में 35 से 40 छात्रों को रखकर प्रश्न पत्र का उत्तर रटाया जा रहा था.

पुलिस छापामारी में कई छात्रों की गिरफ्तारी हुई. साथ ही कई कागजों के साथ जले हुए प्रश्न पत्र के टुकड़े भी मिले थे. ओएसिस स्कूल के कोड का अधजला प्रश्न पत्र मिला है, जो जांच का विषय है. हजारीबाग स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से प्रश्न पत्र पांच मई को परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल में आया था. लेकिन प्रश्न पत्र चार मई को ही आरोपियों तक पहुंच गया था, जिन्होंने इसे लीक किया. इसलिए पेपर लीक वहां से हुआ, जहां तीन-चार मई को पेपर थे. इसकी जांच होनी चाहिए. हजारीबाग के पांच केंद्रों पर पांच मई 2024 को एनटीए के मानदंडों के अनुरूप नीट-यूजी की परीक्षा संपन्न करायी गयी थी. हजारीबाग में नीट पेपर का कस्टोडियन एसबीआइ बैंक था.

परीक्षा केंद्र पर नियम के तहत पेपर रिसीव हुए : कोऑर्डिनेटर

एनटीए सिटी के कोऑर्डिनेटर डॉ एहसान ने कहा कि पांच मई की सुबह 7:30 बजे स्टेट बैंक से शहर के पांच परीक्षा केंद्रों के लिए प्रश्न पत्र का बक्सा रिसीव किया गया. उस समय एनटीए द्वारा नियुक्त पांचों आब्जर्वर, पांच सेंटर के प्राचार्य, दो बैंक के अधिकारी और एनटीए सीटी कॉर्डिनेटर मौजूद थे. नियम के तहत प्रश्न पत्र का बक्सा रिसीव किया गया. स्कूल में जो प्रश्नपत्र का बॉक्स आता है, वो सात लेयर में कवर्ड होता है.

बैंक से प्रश्नपत्र का बक्सा परीक्षा केंद्र पर लाया गया. उसे वीडियोग्राफी वाले हॉल में रखा गया. परीक्षा शुरू होने से पहले दोपहर 1.15 बजे जब इस बक्से को खोला गया. उस समय आब्जर्वर, प्राचार्य, वीडियाेग्राफर व दो परीक्षार्थी की मौजूदगी में खोला गया. एनटीए की ओर से जो बक्सा भेजा गया था उसमें दो ताले लगे थे. एक ताला ऑटोमेटिक होता है, जो दोपहर 1.15 में खुलता है. नहीं खुलने पर बक्से में ही एक छोटी आरी से पेटी के ताले को खोला जाता है. यह सारी प्रक्रिया वीडियोग्राफी और सभी की उपस्थिति में की गयी.

इसमें कोई भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया. इसके बाद बक्से से निकाल कर प्रश्न पत्रों को क्लास रूम में ले जाया गया. वहां पर प्रश्न पत्र भी सील रहता है. छात्रों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र के पैकेट को कैंची से काटा जाता है. जो परीक्षार्थी भी देखते है. परीक्षार्थियों से पूछा भी जाता है कि प्रश्न पत्र को सील पैकेट से निकाला जा रहा है. यहां पर भी कोई गड़बड़ी नहीं हुई. इ्रओयू की टीम भी सभी से पूछताछ कर संतुष्ट हुई. उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र से छेड़छाड़ का मामला भी जांच का विषय है.

ओएसिस स्कूल के नीट पेपर के पिछले हिस्से में टेंपरिंग की आशंका इओयू ने जतायी है

प्राचार्य ने कहा कि क्लास रूम में जब प्रश्न पत्र का पैकेट को काटा गया उसके पिछले हिस्से में टेंपरिंग की शंका इओयू की टीम ने जाहिर की. यह कोई पेशेवर लोग ही कर सकते है. आम लोगों को पता नहीं चल पायेगा. इओयू की टीम ने बताया कि जांच के दौरान हमलोग ही यह पता लगा सकते है. इओयू की टीम सात लेयरवाले पेटी और उसमें सील प्रश्न पत्र के पैकेट में टेंपरिंग को भी अनुसंधान में शामिल किया है. वहीं कूरियर संस्थान के ट्रांसपोर्टिंग पर संदेह भी जाहिर किया है. वर्तमान में इस मामले में जांच प्रक्रिया जारी है. लेकिन इससे पहले ही हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया. अनुसंधान के पूरा होने से पहले किसी को दोषी नही ठहराया जा सकता.

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