जलापूर्ति प्लांट से 14 वर्ष बाद भी नहीं मिल रहा पानी
बरही में पेयजल की समस्या गहरा गयी है. पुरानी जलापूर्ति योजना पूरी तरह से खत्म हो गयी है.
योजना पर 13 करोड़ खर्च होने के बाद भी वर्षों से अधूरा
बरही.
बरही में पेयजल की समस्या गहरा गयी है. पुरानी जलापूर्ति योजना पूरी तरह से खत्म हो गयी है. जलापूर्ति प्लांट जर्जर हो जाने से लगभग 10 साल पहले बंद कर दिया गया. नयी जलापूर्ति योजना पूरी नहीं की जा सकी है. जलापूर्ति प्लांट से शुद्ध पानी पीना सपना ही रह गया है. प्रखंड के ग्रामीण इलाके में पानी की समस्या है. गांवों में लगे अधिकांश चापाकल खराब बताये जा रहे हैं. इसके अलावा जलस्तर तेजी से नीचे भागने की समस्या है. चापानलों से मुश्किल से थोड़ा पानी निकलता है.धोबी टोला, तेली टोला व राणा टोला में जलसंकट :
बरही चौक पर राणा टोला, तेली टोला व धोबी टोला में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यहां के सभी चापानल व घरों में लगे बोरिंग सूख गये हैं. इनमें एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा है. इन तीनों टोलों के लगभग डेढ़ सौ घर की आबादी पानी के लिए परेशान रह रहे हैं.बरही जलापूर्ति प्लांट निर्माण में पेयजल समस्या :
वर्ष 2010 में नयी बरही ग्रामीण जलापूर्ति परियोजना का शिलान्यास हुआ था. यह योजना 14 वर्षों के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. जवाहर घाटी में इंटेक वेल व जवाहर पहाड़ी पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण 13 करोड़ खर्च होने के बाद वर्षों से अधूरा पड़ा था. झारखंड सरकार ने योजना को पूरा कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फरवरी में 10 करोड़ 40 लाख का नया रिवाइज आवंटन दिया व नया संवेदक नियुक्त किया है, पर नया संवेदक शेष निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से कर रहा है. अधूरे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है.कारीमाटी जलापूर्ति प्लांट में काम कछुए की चाल :
विधायक उमाशंकर अकेला यादव ने 13 दिसंबर 2022 को कारी माटी में 14 करोड़ 19 लाख के जल स्वच्छता विभाग के जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था. इस योजना का निर्माण धीमी गति से चल रहा है. इसका ग्राम कारीमाटी में 1.5 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व ग्राम पंचमाधव में चार लाख लीटर क्षमता का जलमीनार सहित कई काम अभी अधूरा है.कोट
संवेदक काे काम में तेजी लाने के लिए कहा गया है. जलापूर्ति प्लांट से इस गर्मी में पूरा कर जलापूर्ति करना संभव नहीं होगा. अगली बार निश्चितरूप से लोगों को पानी मिलने लगेगा.– विमल कुमार, कनीय अभियंताB
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