बड़कागांव में रात भर होती है बालू की अवैध ढुलाई लेकिन अधिकारी सो रहे हैं गहरी नींद में
ग्रामीणों के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. एक-दो ट्रैक्टर को पकड़ तीन-चार दिन बाद छोड़ दिया जाता है. वहीं पुलिस कार्रवाई कभी कभार होती है. बालू माफिया ट्रैक्टरों को मुख्य सड़क के बजाये गांव की कच्ची सड़कों से ले जाते हैं. ज्ञात हो कि गत वर्ष 10 जून से एनजीटी की ओर से बालू की ढुलाई पर रोक लगी हुई है, इसके बावजूद बालू की ढुलाई जारी है.
Jharkhand News, Hazaribagh News बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड समेत आसपास के क्षेत्रों की नदियों से बालू का दोहन जारी है. इस कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. इन नदियों से रात भर ट्रैक्टर व हाइवा से बालू की अवैध ढुलाई जारी है. ट्रैक्टरों और हाइवा की आवाज से सड़क किनारे रहनेवाले ग्रामीणों की नींद हराम हो गयी है. वहीं खनन विभाग नींद में है. इन वाहनों की चपेट में आने से अब तक कई बाइक सवार हादसे के शिकार हो चुके हैं.
कभी-कभार होती है कार्रवाई:
ग्रामीणों के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. एक-दो ट्रैक्टर को पकड़ तीन-चार दिन बाद छोड़ दिया जाता है. वहीं पुलिस कार्रवाई कभी कभार होती है. बालू माफिया ट्रैक्टरों को मुख्य सड़क के बजाये गांव की कच्ची सड़कों से ले जाते हैं. ज्ञात हो कि गत वर्ष 10 जून से एनजीटी की ओर से बालू की ढुलाई पर रोक लगी हुई है, इसके बावजूद बालू की ढुलाई जारी है.
इन नदियों से होती है ढुलाई:
सूत्रों के अनुसार बालू की ढुलाई कर हजारीबाग में भेजा जाता है. बड़कागांव छवानिया नदी, सिरमा नदी, हहारो नदी के मंझला बाला नदी, महुदी नदी, सोनपुरा, बादमाही नदी, सांढ़ नदी, हरली, विश्रामपुर, गोंदलपुरा नदी, कांडतरी नदी, मिर्जापुर, आंगो व पलांडू पंचायत की नदियों से बालू का उत्खनन जारी है. ग्रामीणों के अनुसार बालू की ढुलाई के कारण इन नदियों में बड़े-बड़े गड्ढे उभर आये हैं.
Posted By : Sameer Oraon