कैनहरी पहाड़ पर बच्चे सिख रहे रॉक क्लाइबिंग
ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी हजारीबाग इकाई का छह दिवसीय समर कैंप के दूसरे दिन मशहूर कनहरी पहाड़ी पर चढ़ाई कर पर्यावरण अध्ययन किया गया.
ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी का कैनहरी पहाड़ी पर समर कैंप
हजारीबाग.
ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी हजारीबाग इकाई का छह दिवसीय समर कैंप के दूसरे दिन मशहूर कनहरी पहाड़ी पर चढ़ाई कर पर्यावरण अध्ययन किया गया. प्रतिभागियों को कनहरी व अमृतनगर में संग्रहित पत्थरों के नमूनों को दिखाकर उनकी बनावट, रंग, इस्तेमाल की जानकारी दी गयी. विभिन्न प्रकार के पत्थरों जैसे ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर, गारनेट, काली एवं गुलाबी अभ्रक, मैग्नेटाइट, मेटामॉरफिक चट्टान, अम्फिबोलाइट, फेल्सफार से अवगत कराया गया. जिला प्रभारी राजेश कुमार ने कहा कि इस कैंप को आयोजित करने का उद्देश्य है बच्चों में खत्म होती वैज्ञानिक चिंतन को विकसित करना, हर चीज या घटना के पीछे छिपे सत्य को उजागर करना, अंधविश्वास की मानसिकता को समाज से हटाना व बच्चों को पर्यावरण के साथ जोड़ना. कैंप में बच्चों की बोलने की क्षमता विकसित करना, पहाड़ों व जंगलों की शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से पत्थरों व पेड़-पौधों की जानकारी एकत्र करना व वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से अंधविश्वास का उन्मूलन करना समेत ज्ञानात्मक चर्चा का आयोजन किया. कैंप में विभिन्न विद्यालयों व कॉलेजों के 30 से ज़्यादा प्रतिभागी व शिक्षक भाग ले रहे हैं. इसे सफल बनाने में सान्या, सौम्या, वन्दनी, अनामिका, आयुष, शुभम, रमन, कौशल, आकाश, आर्यन, दृष्टि, प्राप्ति आदि सक्रिय भूमिका निभा रही है. कन्हरी पहाड़ की ऊंचाई लगभग 300 फीट है, जिसपर चढ़ने के लिए लगभग 600 सीढ़ियां बनी हुई हैं. पहाड़ की दूसरी ओर आधे भाग में वन विभाग की सड़क बनाई गई है. जहां वन विभाग का गेस्ट हाउस भी है. यह जानकारी जिला संयोजक राजेश कुमार ने दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है