हजारीबाग के डुमारो व द्वारपाल गुफाओं में मिले शैल चित्रों के अवशेष, जानें इसके पीछे का क्या है इतिहास
इसके अलावा कई प्रकार के शैल दीर्घा हैं. यह चलचित्र कुछ संदेश के निहितार्थ है. सांकेतिक चित्र लिपि की आकृतियां खींची हुई हैं. चित्र में सफेद रंग का प्रयोग किया गया है. कई शैल दीर्घा में बनाये गये चित्र देखरेख के अभाव में मिटते जा रहे हैं.
Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग : प्रखंड के बुढ़वा महादेव मंदिर जानेवाले रास्ते में स्थित द्वारपाल गुफा के नागफन आकार के चट्टान में प्राचीन शैल चित्रों के अवशेष मिले हैं. शैल चित्र में प्राचीन मानव के हाथ के निशान व जानवर एवं हवन यज्ञ के चित्र अंकित हैं. द्वारपाल गुफा हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय की दक्षिण दिशा में स्थित महोदी पहाड़ में है. इस पहाड़ में तीन गुफा एवं डुमारो जलप्रपात के पास दो कमरे वाली बड़ी गुफा है.
इसके अलावा कई प्रकार के शैल दीर्घा हैं. यह चलचित्र कुछ संदेश के निहितार्थ है. सांकेतिक चित्र लिपि की आकृतियां खींची हुई हैं. चित्र में सफेद रंग का प्रयोग किया गया है. कई शैल दीर्घा में बनाये गये चित्र देखरेख के अभाव में मिटते जा रहे हैं.
ज्ञात हो कि इस गुफा के अलावा बड़कागांव प्रखंड की कई पहाड़ी शृंखलाओं में गुफाएं स्थित हैं. इस पहाड़ से 15 किमी दूर इसको में विशाल गुफाएं हैं. 20 किमी दूर पसरिया टू में 12 गुफा मिली है. 16 मीटर दूर इतिज में चार गुफा मिली है. इससे प्रतीत होता है कि बड़कागांव क्षेत्र प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहा है.
इतिहासकारों के अनुसार, इन गुफाओं में नियंडरथल व क्रोमैग्नान मानव का निवास रहा होगा. इन गुफाओं का संबंध इसको की विशाल गुफा से है. इसको गुफा के शैल चित्र को देखते हुए इतिहासकारों ने बताया है कि इसको गुफा राजधानी थी. यहां राजा रहते थे. गांव में वानर जाति के लोग निवास करते थे. 24 नगर थे. शैल चित्रों के अनुसार, इसको गुफा के आसपास की गुफाएं छोटे-छोटे प्राचीन मानव का राज्य रहा करती थीं.
Posted By : Sameer Oraon