Jharkhand News, Hazaribagh News, बड़कागांव :देखरेख के अभाव में प्रखंड में बुद्ध की दर्जनों मूर्तियां खुले मैदान में असुरक्षित पड़ी हैं. वहीं, मध्यकालीन युग के करनपुरा राजा द्वारा निर्मित कई ऐतिहासिक स्थल भी सुरक्षा के अभाव में नष्ट हो रहे हैं. बड़कागांव के बुढ़वा महादेव, शिव मठ, महोदी पहाड़ जैसे ऐतिहासिक स्थलों के पुरातात्विक अवशेष, पंकरी बरवाडीह के बौद्ध स्तूप में 50 से अधिक बुद्ध की मूर्तियां व गाली-बालोदर में दर्जनों बुद्ध की मूर्तियां असुरक्षित हैं. वहीं, बुध की कई मूर्तियां गायब हैं.
बुढ़वा महादेव पहाड़ स्थित द्वारपाल गुफा में हाथी की मूर्ति कुछ वर्ष पहले चोरी हो गयी थी, लेकिन आज तक इसका पता नहीं चल पाया है. यह गुफा कांडतरी व सीरमा पंचायत के निकट डुमारो में है.
दलेल सिंह द्वारा लिखित पुस्तक शिव सागर के अनुसार, 1685 ई में इसका सुंदरीकरण करवाया गया था. गुफा में कीमती पत्थरों की मूर्तियां स्थापित की गयी थीं. द्वारपाल गुफा के द्वार के दोनों किनारे में दो हाथी की मूर्ति थी. इसमें से एक मूर्ति की चोरी हो गयी. शिव मठ में कीमती पत्थर के शिवलिंग गायब हैं, जबकि नंदी की मूर्ति बची हुई है. डुमारो गुफा में सिर्फ शिवलिंग के अवशेष बचे हुए हैं.
साहित्यकार विनोदराज विद्रोही का कहना है कि बड़कागांव प्रखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक अवशेष असुरक्षित हैं. कर्णपुरा कॉलेज के इतिहास विभाग के सुरेश महतो का कहना है कि अगर ऐतिहासिक अवशेषों को सुरक्षित नहीं किया गया, तो इसकी भी चोरी हो सकती है.
Posted By : Sameer Oraon