बड़कागांव : गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में बड़कागांव की अपनी एक अलग पहचान है. इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए यह प्रखंड श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर है. यहां के किसान दूध का उत्पादन के क्षेत्र में अब आगे बढ़ रहे हैं. प्रखंड के विभिन्न गांवों में व्यापक पैमाने पर दूध का उत्पादन होने लगा है. वहीं दूध से बने खोआ, पनीर, दही, मक्खन का भी कारोबार लगातार बढ़ रहा है. प्रखंड में लगभग हजारों लीटर दूध का उत्पादन होता है. दूध उत्पादक मनोज कुमार के अनुसार प्रतिदिन बड़कागांव के दूध क्रय केंद्र से 250 से तीन हजार लीटर दूध कोडरमा एवं रांची के लिए निर्यात होता है. वहीं गांवों में भी दूध की खपत बड़े पैमाने पर हो रही है. किसान हर दिन करीब दो लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं.
बड़कागांव से दूध का निर्यात हजारीबाग, रामगढ़, रांची, कोडरमा, टंडवा, चतरा समेत कई जिलों में किया जाता है. वहीं बड़कागांव के होटलों व बस्तियों में 40 रुपया प्रति लीटर व शहर में 45 रुपया प्रति लीटर दूध की बिक्री हो रही है. दूध उत्पादक मनोज कुमार के अनुसार सरकार को इसके लिए बाजार की व्यवस्था करनी चाहिये.
दुग्ध उत्पादक मनोज कुमार, अरुण महतो, नागेंद्र कुमार, संतोष कुमार के अनुसार जेएमएफ से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. दूध का एसएनएफ 7.9 तक आने पर प्रति लीटर 15-16 रुपया कीमत दी जाती है. इससे उत्पादकों को लाभ नहीं मिल पाता है.
किसानों ने कहा कि झारखंड सरकार से पहले दुग्ध उत्पादकों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे गाय को चारा खिलाने में दिक्कतें होती है. इसका असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. वहीं केरल, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़ की सरकार दुग्ध उत्पादकों को चार से छह रुपया प्रति लीटर बोनस देती है, लेकिन झारखंड सरकार की ओर से ऐसी व्यवस्था नहीं की गयी है.
Posted By : Sameer Oraon