कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी ने सेना में जाने के लिए कराया था हाथ फैक्चर, चाचा से कहा था- मैं ऐसा कर दिखाऊंगा…

Karamjeet Singh Bakshi: हजारीबाग के शहीद जवान कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी ने सेना में जाने के लिए हाथ फैक्चर कराया था. सीडीएस परीक्षा के पहले प्रयास में वह फिजिकल में अनफिट करार हो गया था.

By Sameer Oraon | February 13, 2025 9:25 AM

हजारीबाग : कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी मंगलवार को जम्मू कश्मीर के अखनूर में शहीद हो गये. गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार हजारीबाग में होगा. उनके परिजनों से बता करने पर पता चलता है कि उन्हें सेना में जाने का जुनून बचपन से था. उनके इस जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने अपने हाथ को फैक्चर भी कराया था. उसके बाद सीडीएस के दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली. उनके चाचा कहते हैं कि सेना में जाने से पहले वे उन्हें कहा करता कि वह ऐसा कर दिखायेगा कि सारा देश उन पर गर्व करेगा.

पहले प्रयास में पास की सीडीएस की लिखित परीक्षा

शहीद कैप्टन के पड़ोसी शंकर प्रसाद ने बताया कि पहले प्रयास में सीडीएस की लिखित परीक्षा पास की थी. लेकिन उन्हें फिजिकल अनिफट कर दिया गया था. शारीरिक जांच टीम ने उनसे कहा कि हाथ सीधा नहीं है. इसके बाद करमजीत सिंह बक्शी मेडिकल एक्सपर्ट से मिल कर हाथ फैक्चर करा कर दूसरे प्रयास में सेना में भर्ती हो पाये.

सेना में भर्ती होने से पहले पिता से पूछा था ये सवाल

कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी के पिता अजिंदर सिंह बक्शी यह कह कर रो रहे थे कि जब वह सेना में भर्ती होने जा रहा था, तो हमसे पूछा था कि हमको सेना में जाने से कोई परेशानी तो नहीं होगी. इसके बाद मैंने उसे सेना में जाने के लिए रजामंदी दी थी. पड़ोसी महेश प्रसाद ने कहा कि करमजीत का मिलनसार स्वाभाव था, वह हमेशा याद आयेगा. जब भी मिलता, तो पैर छूकर ही आशीर्वाद लेता था.

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घर का कोहिनूर चला गया : चाचा अमरदीप

चाचा अमरदीप ने कहा कि मेरा घर का कोहिनूर चला गया. जब भी वह हमसे मिलता, पैर छूकर ही बात करता था. उसने कहा था कि चाचा मैं ऐसा कर दिखाऊंगा, जिससे सारा देश हम पर गर्व करेगा. मैं ऐसी पोस्ट पर बैठूंगा, जिस पर आप लोग भी गर्व करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं था कि उसे शहीद वाला पोस्ट मिलने वाला है.

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