बड़कागांव में टिड्डियों का कहर, फसलों को नुकसान पहुंचाने से किसान परेशान
Jharkhand news, Hazaribag news : हजारीबाग जिले के बड़कागांव के विभिन्न क्षेत्रों में टीडियो का आतंक शुरू हो गया है. ये टिड्डियां फसलों एवं पेड़- पौधों के पत्तों एवं डंठलों को चट कर जा रहे हैं, जिससे फसल व पेड़- पौधे पूरी तरह नष्ट एवं बर्बाद हो रहे हैं. इन टिड्डियों के आंतक से क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं.
Jharkhand news, Hazaribag news : बड़कागांव (हजारीबाग) : हजारीबाग जिले के बड़कागांव के विभिन्न क्षेत्रों में टीडियो का आतंक शुरू हो गया है. ये टिड्डियां फसलों एवं पेड़- पौधों के पत्तों एवं डंठलों को चट कर जा रहे हैं, जिससे फसल व पेड़- पौधे पूरी तरह नष्ट एवं बर्बाद हो रहे हैं. इन टिड्डियों के आंतक से क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं. सैकड़ों की संख्या में टिड्डियां बड़कागांव प्रखंड के गरसुला, गोंदलपूरा, हरली, सांढ़ आदि क्षेत्र की फसलें चट कर जा रहे हैं.
प्रखंड कृषि पदाधिकारी रवि रंजन के मुताबिक, टिड्डियों के कहर का वीडियो गरसुला के ग्रामीणों ने पिछले दिनों भेजा था. इस वीडियो को कृषि विज्ञान केंद्र भेजा गया. जहां बताया गया कि यह टिड्डियां बाहर से नहीं आये हैं, बल्कि ये टिड्डियां लोकल हैं. कृषि पदाधिकारी के मुताबिक, अगर बाहरी टीडी रहता, तो एक बार में हजारों की संख्या में टीड्डियां यहां पहुंच कर खेतों को बड़ा नुकसान कर देता. लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है. यही कारण है कि यह लोकल टिड्डी है.
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इन टिड्डियों को ऐसे भगाएं
अगर आपके आसपास टिड्डियों का झुंड दिखे, तो इसे भगाने के लिए तेज साउंड करें. इससे ये टिड्डियां भाग जायेेंगे, क्योंकि ये टीड्डियां ऊंची आवाज सुनना पसंद नहीं करते हैं. साथ ही टीन पीट कर भी तेज आवाज से इन टिड्डियों को भगाया जा सकता है.
किसानों को एक साथ दोहरी परेशानी
सांढ़ निवासी कृषक सुखदेव पासवान ने कहा कि इन टिड्डियों ने खेतों में लगी मकई, भिंडी, टमाटर आदि को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि एक तो कोरोना के कारण लॉकडाउन से खेती प्रभावित रहा है, वहीं अब इन टि्ड्डियों के उत्पात से फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है.
कृषक गुलाबी देवी कहती हैं कि जब से हम टिड्डी के बारे में सुने हैं और खेतों में देखे हैं, तब से हमारी चिंता काफी बढ़ गयी है. अब चिंता सताये जा रही है कि हमारे फसलों की सुरक्षा कैसे होगा? हमलोग खेती- बारी पर ही निर्भर रहते हैं. इस कारण हमारी फसलों को सुरक्षा प्रदान की जाये, ताकि कुछ आमदनी हो सके.
Posted By : Samir ranjan.