हजारीबाग के बहोरनपुर खुदाई स्थल से मिले लोहे गलाने के कई अवशेष, अधिकारियों ने लिया जायजा
हजारीबाग सदर प्रखंड के बहोरनपुर खुदाई स्थल से पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को लोहा गलाने का साक्ष्य मिला है. खुदाई स्थल के पास खुदाई के दौरान लौहे के कई टुकड़े मिल रहे हैं.
हजारीबाग सदर प्रखंड के बहोरनपुर खुदाई स्थल से पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को लोहा गलाने का साक्ष्य मिला है. खुदाई स्थल के पास खुदाई के दौरान लौहे के कई टुकड़े मिल रहे हैं. इसके पास मिट्टी का एक घड़ा भी मिला है. खुदाई के दौरान लोहे की कई कांटी, कई अर्धनिर्मित लोहे के टुकड़े आैर पत्थर के टुकड़े भी मिले हैं. खुदाई स्थल पर मिट्टी की चहारदीवारी के सबूत मिले हैं.
दूसरे खुदाई स्थल पर लकड़ी के कोयले के नमूने भी मिल रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि 1100 वर्ष पहले बहोरनपुर में मिले मिट्टी के घड़े का उपयोग लोहा गलाने के लिए किया जाता होगा. इस क्षेत्र में लोहा गलाने के लिए कुशल कारीगर रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
उस समय लोहा गलाने की अपनी तकनीक थी. जैसे-जैसे खुदाई आगे बढ़ेगी जमीन के नीचे दबे इतिहास की परत के खुलने की संभावना है. यह तीसरे चरण की खुदाई का कार्य चल रहा है. पुरातत्व विभाग ने तीसरे चरण की खुदाई के लिए आवासीय क्षेत्रों का चयन किया है.
पहले और दूसरे चरण की खुदाई में बौद्ध धर्म से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं :
मालूम हो कि बहोरनपुर पुरातत्व विभाग के पहले और दूसरे चरण की खुदाई में बौद्ध धर्म से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. पहले चरण में बौद्ध मंदिर व बौद्ध धर्म से जुड़ी कई मूर्तियां मिली थीं. बौद्ध मंदिर का निर्माण पक्के और अलंकृत ईंट से बना हुआ है. मंदिर के तीन कक्ष मिले हैं. दूसरे चरण की खुदाई के दौरान बौद्ध मंदिर के अलावा बौद्ध विहार के सबूत मिले हैं.
पिछले वर्ष बौद्ध धर्म के देवता अवलेक्तेश्वर की आठ फीट की मूर्ति मिली थी. मां तारा व अन्य देवी-देवताओं के पत्थर की मूर्तियां मिली थीं. इतिहासकारों का मानना है कि खुदाई के दौरान 1200 वर्ष पूर्व की कई रोचक जानकारी सामने आयी थी. वर्ष 2020 और 2021 की खुदाई में भारतीय पुरातत्व विभाग को बड़ी सफलता मिली थी. इसमें बौद्ध मठ व सराय का पुख्ता प्रमाण मिला था. इसमें एक साथ भगवान बुद्ध व बौद्ध धर्म से जुड़ी कई मूर्तियां मिली थी. इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि 1200 वर्ष पहले बहोरनपुर बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थल था.