हजारीबाग: DMFT फंड के कार्यों में हो रहा है पैसों का दुरुपयोग, जांच की मांग

दो माह बाद इन्हीं स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डीएमएफटी फंड से 55 लाख 55 हजार रुपये की लागत से रंग-रोगन व उन्नयन कार्य करा दिया गया. जानकार लोगों का कहना है कि इन कार्यों में पैसों की बर्बादी हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2023 6:17 AM

अजय कुमार, गिद्दी (हजारीबाग) :

हजारीबाग जिला के डाड़ी प्रखंड में डीएमएफटी फंड (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) के कई कार्यों में पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है. कार्यों में पारदर्शी और गुणवत्ता का ख्याल रखा जा रहा है. यहां पर शिक्षा, पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य, कौशल विकास को लेकर करोड़ों की कई योजनाएं ली गयी हैं, लेकिन इसका कार्य मनमाने ढंग से हो रहा है. इससे लोगों में नाराजगी है. राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने इस पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि इस कार्य में नियमों की अनदेखी की जा रही है. डाड़ी प्रखंड को चार-पांच वर्षों में डीएमएफटी फंड से 47 करोड़ की लगभग 30 योजनाएं दी गयी हैं. कुछ पूरी कर ली गयी हैं और कई योजनाएं धरातल पर अभी चल रही हैं.

मई में प्रदेश सरकार ने लाखों की लागत से बलसगरा, डाड़ी व हेसालौंग स्वास्थ्य उपकेंद्र का रंग-रोगन तथा जीर्णोद्धार कराया था. दो माह बाद इन्हीं स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डीएमएफटी फंड से 55 लाख 55 हजार रुपये की लागत से रंग-रोगन व उन्नयन कार्य करा दिया गया. जानकार लोगों का कहना है कि इन कार्यों में पैसों की बर्बादी हुई है. इसकी जांच होनी चाहिए. जिला में डीएमएफटी कार्य के लिए कमेटी गठित की गयी है. इसके अध्यक्ष उपायुक्त होते हैं, जबकि सांसद, विधायक व जिला के कई पदाधिकारी को सदस्य के रूप में रखा गया है. रामगढ़ व हजारीबाग जिला को हर वर्ष डीएमएफटी फंड के रूप में लगभग 250 करोड़ की राशि दी जाती है. जानकार बताते हैं कि माइनिंग क्षेत्र में खनन के कारण होने वाले दुष्प्रभाव की भरपाई के लिए डीएमएफटी फंड लाया गया है. जिले के हर प्रखंडों में इस फंड से कार्य हो रहे हैं.

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जो कार्य केंद्र व राज्य सरकार तथा सांसद व विधायक को अपने मद से कराना चाहिए, वह कार्य भी डीएमएफटी फंड से कराया जा रहा है. डीएमएफटी फंड की गाइडलाइन है. इसके तहत इसका 60 प्रतिशत पैसा पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण, महिला व बाल कल्याण, वृद्ध व दिव्यांग लोगों के लिए कल्याण और कौशल विकास पर खर्च करना है. इन कार्यों को उच्च प्राथमिकता के तौर पर रखा गया है. इसकी 40 प्रतिशत राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भौतिक बुनियादी ढांचे, सिंचाई, ऊर्जा व वाटरशेड विकास पर खर्च करना है. इन कार्यों को अन्य प्राथमिकता के तौर पर रखा गया है. प्रदूषण नियंत्रण पर कोई भी कार्य नहीं हो रहा है और न ही इस पर कार्य करने की योजना बनायी जा रही है. इसका ज्यादातर पैसा विद्यालय व स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन का उन्नयन कार्य व सड़क के कार्य पर किया जा रहा है.

डीएमएफटी क्या है :

जिला खनिज फाउंडेशन भारत में खान व खनिज विकास विनियमन संशोधन अधिनियम 2015 के तहत एक गैर लाभकारी निकाय के रूप में स्थापित ट्रस्ट है. खनन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जरूरतों के लिए काम किया जाता है.

डीएमएफटी फंड से नियमों के विरुद्ध कराये जा रहे हैं कार्य : खीरू महतो

राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने कहा कि रामगढ़ व हजारीबाग जिले में नियम के विरुद्ध डीएमएफटी फंड से कार्य कराये जा रहे हैं. खास कर विस्थापित व प्रभावित क्षेत्रों में इस फंड का उपयोग होना चाहिए था, लेकिन वह नहीं हो रहा है. इस फंड की परिभाषा यहां पर बदल दी गयी है. इसका कार्य जैसे-तैसे कराया जा रहा है. कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के आदेश पर अब इस फंड से 80-85 लोगों की बहाली करने की योजना बनायी जा रही है. इस फंड से विस्थापितों व प्रभावितों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. हमने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया था. रामगढ़ में इस फंड से स्विमिंग पूल, पार्क, खेल का मैदान, तालाब गहरीकरण सहित अन्य कार्य करोड़ों की लागत से कराये जा रहे हैं. इस मुद्दे को पुन: राज्यसभा में उठाया जायेगा.

प्रदेश से कार्य हुआ है : सिविल सर्जन

हजारीबाग सिविल सर्जन ने कहा कि मई माह में डाड़ी, हेसालौंग व बलसगरा स्वास्थ्य उपकेंद्रों का जीर्णोद्धार व रंग-रोगन जिला से नहीं, बल्कि प्रदेश से कराया गया है.

प्राक्कलन नहीं दिया जा रहा है : प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यापक मनोज कुमार, गोपाल राम व खुर्शीद आलम ने कहा कि हमारे विद्यालयों में डीएमएफटी फंड से काम हो रहा है. प्राक्कलन की मांग करने पर अभिकर्ता नहीं देते हैं. कार्य जैसे-तैसे हो रहा है. घटिया सामग्री का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

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