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म्यांमार के विदेशी शरणार्थी अब्दुल्ला हजारीबाग जेपी सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर से फरार

Jharkhand news, Hazaribagh news : म्यांमार (बर्मा) के विदेशी शरणार्थी 27 वर्ष अब्दुला हजारीबाग जेपी सेंट्रल जेल (JP Central Jail) के डिटेंशन सेंटर (Detention Center) से रविवार (13 सितंबर, 2020) की अहले सुबह खिडकी के रड काटकर फरार हो गया. वह इससे पहले दुमका जेल (Dumka Jail) में बंद था. अब्दुला की सजा 24 जनवरी, 2020 को पूरी हो गयी थी. इसके बाद उसे 26 फरवरी, 2020 को जेपी केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर में निगरानी में रखा गया था. वह म्यांमार के थाना बुशीडांग क्षेत्र के मंगरीटांग के अबु सफियान का पुत्र है. विदेशी शरणार्थी के भागने के बाद जेल प्रशासन सक्रिय हुई. जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने विदेशी शरणार्थी के भागने की सूचना हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद, एसपी कार्तिक एस को दी गयी. उसे पकड़ने के लिए जिला पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है. विभिन्न जगहों पर छापेमारी चल रही है.

Jharkhand news, Hazaribagh news : हजारीबाग (शंकर प्रसाद) : म्यांमार (बर्मा) के विदेशी शरणार्थी 27 वर्ष अब्दुला हजारीबाग जेपी सेंट्रल जेल (JP Central Jail) के डिटेंशन सेंटर (Detention Center) से रविवार (13 सितंबर, 2020) की अहले सुबह खिडकी के रड काटकर फरार हो गया. वह इससे पहले दुमका जेल (Dumka Jail) में बंद था. अब्दुला की सजा 24 जनवरी, 2020 को पूरी हो गयी थी. इसके बाद उसे 26 फरवरी, 2020 को जेपी केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर में निगरानी में रखा गया था. वह म्यांमार के थाना बुशीडांग क्षेत्र के मंगरीटांग के अबु सफियान का पुत्र है. विदेशी शरणार्थी के भागने के बाद जेल प्रशासन सक्रिय हुई. जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने विदेशी शरणार्थी के भागने की सूचना हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद, एसपी कार्तिक एस को दी गयी. उसे पकड़ने के लिए जिला पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है. विभिन्न जगहों पर छापेमारी चल रही है.

अब्दुला को 10 नवंबर, 2016 को दुमका के बरहरवा रेलवे स्टेशन से रेल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस पर 14 फोरेनर एक्ट के तहत रेलवे थाना संख्या 64-2016 में मामला दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई रेलवे कोर्ट के मनोरंजन कुमार की अदालत में हुई. कोर्ट ने अब्दुला को 25 मई, 2018 को दोषी पाकर सजा सुनायी थी. अब्दुला की सजा अवधि 24 जनवरी, 2020 को पूरी हो गयी थी. दुमका जेल से रिहा होने के बाद अब्दुला को विदेशी डिटेंशन सेंटर, हजारीबाग भेजा गया था.

24 घंटे की निगरानी में रह रहे 4 विदेशी शरणार्थी

जेपी केंद्रीय कारा (JP Central Jail), हजारीबाग के डिटेंशन सेंटर में 4 विदेशी शरणार्थी को रखा गया है. इनकी सुरक्षा में रांची से विशेष ड्यूटी के लिए सुरक्षाकर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया था. इन सुरक्षा कर्मियों को 2-2 घंटे में ड्यूटी पर लगाया जाता था. डयूटी का रोस्टर बनाने का जिम्मा भूतपूर्व सैनिक गोपाल सिंह को थी.

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जांच टीम गठित

हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद ने बताया कि डिटेंशन सेंटर से विदेशी शरणार्थी के भागने की घटना गंभीर है. वहां सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम के बावजूद शरणार्थी के भाग जाने से सुरक्षा में लापरवाही हुई है. पूरी घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम बनायी गयी है. डीसी ने कहा कि शरणार्थी की सजा पूरी हो गयी थी. भारत से अब्दुला को म्यांमार ले जाने के लिए दूतावास से संपर्क किया गया था. दूतावास से अाधिकारिक जानकारी नहीं आने के कारण अब्दुला को डिटेंशन सेंटर में रखा गया था.

सुरक्षा कर्मियों को शोकॉज

जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेख्रर ने कहा कि डिटेंशन सेंटर में प्रतिनियुक्त 4 सुरक्षा कर्मियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. संतेाषजनक जबाव नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. अधीक्षक ने कहा कि डिटेंशन सेंटर में सुरक्षा के सभी इंतजाम थे. रात में वह कैसे खिड़की का रड काटकर फरार हुआ है. इसकी जांच चल रही है. शरणार्थी के फरार होने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लौहसिंघना थाना में आवेदन दिया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

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