आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरने की नहीं, आगे बढ़ने की जरूरत हजारीबाग. गौतम बुद्धा बीएड कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सोमवार को समापन हो गया. देश के विभिन्न विश्वविद्यालय से आये शिक्षकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द फ्यूचर ऑफ लर्निंग विषय पर अपने विचार रखे. अलग-अलग विचारों के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरने की नहीं, सहयोग से आगे बढ़ने की जरूरत है. दो दिनों तक चिंतन-मनन के बाद यह बात निकल कर सामने आयी कि लर्निंग और डिप मशीन कभी भी शिक्षक से आगे नही निकल सकती. क्योंकि इसका आविष्कार इंसान ने ही किया है. इसलिए यह मनुष्य की सोच से कभी भी आगे नहीं जा सकता. समापन समारोह के मुख्य अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार सुनील कुमार सिंह ने कहा कि एआई का फ्यूचर लर्निंग विभिन्न क्षेत्रों के काफी उपयोगी है. मानव सभ्यता के विकास में इसका उपयोग सार्थक साबित होगा. प्रो डॉ इनामनबी सिद्दकी ने विजुअल प्रजेंटेशन के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि इस तकनीक से काम को आसान बनाया जा सकता है. प्रो अर्चना रानी धान ने एआई के विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी दी. सेमिनार को यूसेट के प्राध्यापक अरुण कुमार मिश्रा, प्राचार्य डॉ पुष्पा कुमारी, शिक्षक राहुल रंजन, सुधांशु शिवम, प्रो डाॅ रीणा सिंह, बीएड कॉलेज प्रबंधन समिति उपाध्यक्ष मनोज कुमार, सचिव मिथिलेश मिश्र, शिक्षक कुमारी अंजली ने भी अपने विचार रखें. धन्यवाद ज्ञापन को-ऑर्डिनेटर डॉ वसुंधरा कुमारी ने किया.
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