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नये नियम से निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी अंकुश

शहरी क्षेत्र में 50 बेड से कम वाले नर्सिंग होम की मान्यता रद्द होगी

शहरी क्षेत्र में 50 बेड से कम संख्या वाले नर्सिंग होम की मान्यता रद्द होगी

: हजारीबाग जिला में 153 नर्सिंग होम का हो रहा है संचालन जयनारायण

हजारीबाग. आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना व अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा अंतर्गत कई निजी अस्पतालों की मान्यता खत्म होगी. नये नियम के अनुसार, शहरी क्षेत्र के निजी अस्पतालों में बेड की संख्या 50 और ग्रामीण क्षेत्र के निजी अस्पतालों में बेड की संख्या 30 निर्धारित की गयी है. जो निजी अस्पताल इन अहर्ताओं को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें उनकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी. हजारीबाग जिले में 153 नर्सिंग होम संचालित हैं. इसमें से 35 नर्सिंग होम आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीएमजेएवाई) से सूचीबद्ध है. कई नर्सिंग होम के संचालकों ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ने के लिए आवेदन भी दिया है. अधिकतर नर्सिंग होम 50 बेड से नीचे की क्षमता वाले हैं. हजारीबाग जिले में 134 ऐसे नर्सिंग होम हैं, जिनकी क्षमता 50 बेड से कम की है. अधिकतर नर्सिंग होम के पास 10 से कम बेड की व्यवस्था होने के बाद भी उन्हें सिविल सर्जन कार्यालय से लाइसेंस निर्गत किये गये हैं.

50 बेड के लिए 4750 स्क्वायर मीटर भवन की जरूरत : भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक के अनुसार, 50 बेड वाले नर्सिंग होम के लिए 4750 स्क्वायर मीटर में भवन होना चाहिए. आइपीएचएस स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता के लिए मानक निर्धारित करता है. हजारीबाग के अधिकतर नर्सिंग होम के पास पर्याप्त भवन नहीं है. नर्सिंग होम छोटे से भवन में स्वास्थ्य मानक के विरुद्ध चलाये जा रहे हैं.

सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य के अंतर्गत मान्यता प्राप्त नर्सिंग होमों की जल्द जांच की जायेगी. जो नर्सिंग होम मानक पूरा नहीं करेंगे, उनकी मान्यता व लाइसेंस रद्द किये जायेंगे. नर्सिंग होमों के लाइसेंस की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी है. जल्द इस पर कार्रवाई होगी.

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