हजारीबाग : प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में व्यावसायिक वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र नहीं है. आवेदकों को सर्टिफिकेट लेने के लिए धनबाद जाना पड़ता है. भारी वाहन चलानेवाले कई चालक पैसा खर्च होने के कारण धनबाद नहीं जा पाते हैं. ऐसे में उनका लाइसेंस हैवी नहीं हो पा रहा है, जबकि डीटीओ कार्यालय में हर माह लगभग 100 आवेदक हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन जमा करते हैं.
फिटनेस सेंटर नहीं: हजारीबाग में फिटनेस सेंटर नहीं है. वाहन की जांच मशीन से नहीं की जा रही है. आवेदकों को समय पर फिटनेस पेपर नहीं मिल पा रहा है. मोटरयान निरीक्षक घूम-घूमकर या समय देकर एक साथ डीटीओ कार्यालय में वाहन जमा कर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते हैं. इसमें सबसे अधिक व्यावसायिक मालिक परेशान हैं. उन्हें फिटनेस पेपर लेने के लिए महीनों दिन गाड़ी खड़ी करनी पड़ रही है.
लाइसेंस के लिए घर बैठे आवेदन: डीटीओ कार्यालय में लाइसेंस लेने के लिए सरकार ने सरल प्रक्रिया बनायी है. घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ, नाम, पता एवं ब्लड ग्रुप के साथ आवेदन करना है. लर्निंग फीस ऑनलाइन ली जायेगी. लर्निंग टेस्ट का समय मिलता है. निर्धारित समय पर पेपर के साथ डीटीओ कार्यालय जाकर लर्निंग टेस्ट देना है. टेस्ट पास होने के बाद राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 15 दिनों में लर्निंग लाइसेंस प्राप्त होगा. एक माह बाद लर्निंग लाइसेंस को फाइनल में कन्वर्ट करने के लिए फिर से ऑनलाइन आवेदन के साथ ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा.
तुरंत आवेदक को फाइनल डीएल टेस्ट के लिए समय मिलता है. यह सभी प्रक्रिया में आवेदक के मोबाइल पर ओटीपी जाता है. आवेदक को ओटीपी का इस्तेमाल करना है. निर्धारित दिन एवं समय पर आवेदक को टू एवं फोर व्हीलर वाहन लेकर पुलिस लाइन मैदान आरक्षी स्कूल के पास टेस्ट देना है. टेस्ट पास होने के बाद एक महीने के अंदर डीटीओ कार्यालय से लाइसेंस मिलेगा.
क्या कहते हैं डीटीओसरकार ने व्यावसायिक वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र बनाने का प्रयास किया है. जिले के कटकमदाग क्षेत्र में दो एकड़ जमीन चिह्नित कर विभाग को रिपोर्ट भेजी गयी है.संतोष कुमार सिंह, प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी
क्या कहते हैं मोटरयान निरीक्षक : हजारीबाग में व्यावसायिक वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र बनेगा. इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. सरकारी जमीन का चयन किया गया है. फिटनेस सेंटर रांची के अलावा किसी जिले में अब तक नहीं बन सका है.नरेंद्र कुमार यादव, मोटरयान निरीक्षक, हजारीबाग.
Posted by : Pritish Sahay