बिना त्याग के कोई महान नहीं बन सकता : मुनिश्री

दसलक्षण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. उत्तम त्याग धर्म में कई श्रावक-श्राविकाओं ने रत्न त्रय तीन दिवसीय उपवास व्रत धारण किया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2024 7:38 PM
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दसलक्षण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म हर्षोल्लास के साथ मना

हजारीबाग.

दसलक्षण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. उत्तम त्याग धर्म में कई श्रावक-श्राविकाओं ने रत्न त्रय तीन दिवसीय उपवास व्रत धारण किया. पवन कुमार पाटनी ने 16 कारण व्रत 16 दिवसीय उपवास और 39 लोगों ने दसलक्षण महाव्रत 10 दिवसीय उपवास रखा. इसमें पवन कुमार जैन पाटनी, विद्या देवी जैन, ललित अजमेरा, सुलोचना विनायका, सुनील विनायका, अनीता लुहाड़िया, नवीन लुहाड़िया, हर्षा रारा, राखी छाबड़ा, ईशा लुहाड़िया, सुशील लुहाड़िया, पिया काला, अन्नु छाबड़ा, सृष्टि अजमेरा, शोभा अजमेरा, विकास टोंग्या, अमर विनायका, सोनू विनायका, प्रवीण सेठी, बबीता पाटनी, रवि सेठी, सुबोध छाबड़ा, लता पांड्या, सोभना काला, अभिषेक काला, रोशनी विनायका, निकेश विनायका, सन्नी विनायका, रोहित विनायका, मंजू बाकलीवाल, मुकेश बाकलीवाल, संकेत चौधरी, अमित बोहरा, अंकित ठोल्या, ऋषभ काला, रश्मि अजमेरा, ममता सेठी, रिया रारा, महेंद्र, पंडित मुन्नालाल शामिल है. सुबह नौ बजे मुनिश्री का प्रवचन शुरू हुआ. मुनि श्री ने कहा कि जितने भी पर्व आते हैं वह आराधना के लिए होते है, पर दसलक्षण पर्व स्वयं के लिए होता है. दसलक्षण पर्व निज आत्म धर्म का पर्व है, यह प्राणी मात्र का पर्व है. उन्होंने कहा कि आज त्याग धर्म का दिन है, बिना त्याग के कोई महान नहीं बन सकता है. जो तुम्हारा है वह तुम अपने पास रखो और जो तुम्हारा नहीं है उसका त्याग करो यही त्याग धर्म है. 10 बजे से आहारचर्या, व्रतधारियों के लिए विनती का कार्यक्रम दोपहर दो बजे शुरू हुआ. शाम 6:15 बजे से 7:30 मंगलाचरण, प्रतिक्रमण, णमोकार चालीसा एवं ध्यान का कार्यक्रम के बाद 8:15 तक महाआरती हुआ.

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