उत्तम शौच धर्म के रूप में मना पर्युषण महापर्व का चौथा दिन
हजारीबाग.
दसलक्षण महापर्व (पर्युषण) के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने उत्तम शौच धर्म को अंगीकार किया. विभिन्न जिनालयों में शासन की गाइड लाइन के मुताबिक पूजन-अर्चन किया गया. जैन श्रद्धालुओं ने घर पर भी उत्तम शौच धर्म की पूजा की. तप, साधना से ओतप्रोत पर्युषण महापर्व में सुबह से ही पूजा, आराधना, विधान आदि की धार्मिक क्रियाएं शहर के दोनों जैन मंदिरों में हुई. केसरिया लिबास में समाज के महिला-पुरुष पूजन अभिषेक में शामिल हुए. दिगंबर जैन भवन बड़ा बाजार में सामूहिक कलश, अभिषेक, शांतिधारा और अनुष्ठान के कार्यक्रम हुए. ग्वालियर से आये मुन्ना लाल पंडित और भोपाल से प्रदीप संगीतकार के युगल ने एक से बढ़कर एक भक्ति रस प्रस्तुत किया. मोक्ष कल्याणक के दिन निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य सभी दसलक्षण व्रतधारियों को प्राप्त हुआ. सुबह पांच बजे से 5.45 बजे तक ध्यान मुनि श्री के सानिध्य में हुआ. सुबह 5.45 बजे से अभिषेक व शांतिधारा बड़ा बाजार दिगंबर जैन भवन के ऊपर तल्ले में हुआ. सुबह नौ से 10 बजे तक मुनिश्री का प्रवचन हुआ. मुनिश्री ने बताया कि आचार्य भगवंतों ने दसलक्षण पर्व के बारे में हमें बताया. नाम तो दसलक्षण है पर सारे लक्षण धर्म के हैं. मुनि श्री ने कहा कि पैसा जितना बढ़ेगा उतना व्याकुल करेगा. पैसों से प्यास कभी नहीं बुझती. पैसे से प्यास और बढ़ती है. पैसे के साथ जियो पैसे के लिए मत जियो. ये साधन है साध्य नहीं. मंगलाचरण, प्रतिक्रमण, णमोकार चालीसा व ध्यान का कार्यक्रम हुआ. समाज के बच्चों विहान काला, निशेष सेठी, रिद्धिश छाबड़ा, द्रव्य विनायका, अर्णव पाटोदी, आरव सेठी भक्ति नित्य प्रस्तुत किया. मीडिया प्रभारी राजेश लुहाड़िया ने बताया कि कार्यक्रम में श्रद्धालु काफी संख्या में जुट रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है