जुलजुल फायरिंग रेंज मामले में डीसी की पहल पर हुई त्रिपक्षीय वार्ता
मुआवजा राशि बढ़ाने और वैकल्पिक रास्ता बनाने की रखी मांग
प्रतिनिधि, हजारीबाग
सदर प्रखंड के जुलजुल फायरिंग रेंज मामले में डीसी नैंसी सहाय की पहल पर शनिवार को सखिया पंचायत के दुगधा गांव में त्रिपक्षीय वार्ता हुई. इसमें बीएसएफ के पदाधिकारी, जिला प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई. जुलजुल पहाड़ फायरिंग रेंज के समीप दुगधा जुलजुल के ग्रामीणों ने फायरिंग होने और मोर्टार अनियंत्रित होकर खेत में गिरने को लेकर विरोध किया था. इस समस्या के समाधान को लेकर पदाधिकारी गांव पहुंचे थे. सदर प्रखंड के उप प्रमुख रविकांत सिंह, मुखिया इम्तियाज आलम के नेतृत्व ग्रामीणों ने बीएसएफ द्वारा फायरिंज के दिन मिलने वाली सरकार से मुआवजा राशि की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि बीएसएफ 1967 से अब तक फायरिंज के दिन खेत में काम नहीं करने की वजह से प्रत्येक घर के बड़े व्यक्ति को पांच रुपये और बच्चे को करीब 3.5 रुपये का भुगतान करती है. इस राशि को बढ़ाने की मांग की है. फायरिंग होने से गांव में मुख्य सड़क से आना-जाना बंद हो जाता है. इसके लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने की मांग की है. धनरोपणी के लिए 20 जुलाई से 20 अगस्त तक और धनकटनी के समय 20 नवंबर से 20 दिसंबर तक फायरिंग नहीं करने और फायरिंग अवधि में परिवर्तन करने की मांग की है. इस पर जिला प्रशासन की ओर से सदर सीओ मयंक भूषण ने कहा कि प्रभावित लोगों को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ेगी. भारत सरकार के मनरेगा के न्यूनतम मजदूरी 267 रुपये की दर से भुगतान करने का प्रस्ताव रखा. इसमें बच्चों को छोड़कर 18 से 60 वर्ष के सभी लोगों का भुगतान करने के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा. मोर्टार प्रशिक्षण में अनियंत्रित होकर मोर्टार खेत में गिरने और फसल का नुकसान होने पर इसका मुआवजा अलग से दिया जायेगा. सीओ ने कहा कि बैठक की पूरी जानकारी जिला प्रशासन को सौंप दी जायेगी. प्रशासन की ओर से एक टीम गठित की जायेगी जो मुआवजा समेत अन्य निर्णय को तय कर रिपोर्ट सौंपेगी. बीएसएफ के अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों की जरूरत मांगों को न्याय संगत पूरी की जायेगी. मौके पर विजय यादव, गौतम यादव, गोपाल यादव समेत कई लोग शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है