इच्छओं का दमन करना ही तप : मुनि श्री

दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 6:30 PM

पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म हर्षोल्लास के मनाया गया

हजारीबाग.

दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया गया. मुनि श्री के सानिध्य में दस दिनों तक चलने वाले दसलक्षण महापर्व में शनिवार की सुबह पूजा, आराधना समेत कई धार्मिक क्रियाएं की गयी. शहर के दोनों जैन मंदिरों में मुनि श्री का प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. दसलक्षण व्रतधारियों के लिए मेहंदी समारोह का आयोजन दिगंबर जैन भवन बड़ा बाजार में किया गया. इसमें व्रतधारियों को मेहंदी लगाकर पूरे उत्साह के साथ उनका बारंबार अनुमोदना और उत्साह वर्धन किया गया. बड़ा बाजार में भी सुबह से ही सामूहिक कलश, अभिषेक, शांतिधारा और विधान के कार्यक्रम किया गया. मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि विरले ही जीव है. जिन्हें देशना श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है. मुनि श्री ने कहा कि तप के प्रभाव से सिद्धी को प्राप्त किया है. इच्छओं का दमन करना ही तप है. मुनिश्री के प्रवचन के बाद 10:00 बजे से आहारचर्या, शाम 6:15 बजे से 7:30 मंगलाचरण, प्रतिक्रमण, णमोकार चालीसा एवं ध्यान का कार्यक्रम हुआ. मंगलाचरण रेखा पाटनी द्वारा प्रस्तुत किया गया. शाम 7:30 से 8:15 तक महाआरती हुई. यह जानकारी मीडिया प्रभारी राजेश लुहाड़िया ने दी.

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