पत्थलगड़वा,व बुकड़ में अफीम की खेती करने वालों पर पुलिस की सख्ती चौपारण. झारखंड एवं बिहार के सीमांत घने जंगल पत्थलगड़वा एवं बुकड़ में 25 एकड़ वनभूमि पर लगी अफीम की खेती को प्रशासन ने सोमवार को आधा दर्जन ट्रैक्टर लगा कर नष्ट कर दिया. इस कार्रवाई में पुलिस एवं वन विभाग की टीम शामिल थी. छापामारी टीम अहले सुबह उक्त जंगल में दल बल के साथ पहुंची. टीम के आने का खबर लगते ही अवैध रूप से खेती कर रहे मजदूर जंगल का लाभ उठा कर फरार हो गये. छापामारी दल का नेतृत्व कर रहे डीएसपी अजीत कुमार विमल एवं प्रभारी अनुपम प्रकाश ने बताया यह कार्रवाई वरीय अधिकारियों की सूचना पर की जा रही है. कहां है पत्थलगड़वा एवं बुकड़ : जिला मुख्यालय से 70 एवं प्रखंड मुख्यालय से 20 किमी की दूरी पर चारों तरफ जंगल झाड़ के बीच पत्थलगड़वा एवं बुकड़ गांव बसा है. अवैध कारोबार के लिए यह गांव वर्षों से सुर्खियों में है. अफीम व गांजा के साथ किसी जमाने में कत्था का कारोबार करने वालों के लिए यह जंगल सेफ जोन माना जाता था. दस साल पूर्व माओवादियों के शरण स्थल हुआ करता था. अब यह जंगल अफीम की खेती के लिए जाना जा रहा है. बाहर के लोग करते हैं खेती : स्थानीय लोगों की मानें, तो यहां अक्सर बाहरी लोग आकर अफीम की खेती करते हैं. उनके लिए यह जंगल सेफ जोन है. स्थानीय लोग दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं. इस जंगल में यह गोरखधंधा पिछले कई सालों से फल फूल रहा था. इस कारोबार में झारखंड के अलावा बिहार के कई लोग लगे हैं.
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